आंतरिक संसाधन की मासिक बैठक संपन्न
राजस्व वसूली के लिए सभी विभाग कार्रवाई में लाए तेजी
बड़े बिजली बिल बकायेदारों व कांटा घरों की सूची कराएं उपलब्ध
नए सोफ्टवेयर में गाड़ी नंबर डालते ही मिलेगी सारी जानकारी
मिरर मीडिया : गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) तथा माइनिंग विभाग आपस में समन्वय रखकर कोयला परिवहन पर पैनी निगाह रखें। कोयला व्यापारी जीएसटी का भुगतान तो करते हैं परंतु इसके बाद कोयला कई बार बिना वैध कागजातों के एक हाथ से दूसरे हाथ में बिकता चला जाता है। जबकि कोयला बिना वैध कागजातों के ट्रांसपोर्ट नहीं किया जा सकता। इसलिए हर ई-चालान को वेरीफाई करना और उसकी वैलिडिटी जांचना अनिवार्य है। अन्य विभाग भी राजस्व वसूली के लिए कार्रवाई में तेजी लाएं।
यह बातें बुधवार को आंतरिक संसाधन की मासिक बैठक में उपायुक्त ने सभी विभाग के पदाधिकारियों से कही। उपायुक्त ने कहा कि कई बार जांच के दौरान जीएसटी और माइनिंग चालान में भारी अनियमितता उजागर होती है। इससे राज्य सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता है। इसलिए जीएसटी और माइनिंग विभाग लगातार समन्वय स्थापित कर अपने अपने डाटा को आपस में शेयर कर उसका मिलान करेंगे।
माप तौल विभाग की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने जिले के सभी कांटा घर की सूची उपलब्ध कराने तथा कब कब कांटा घर का निरीक्षण और कैलिब्रेशन हुआ है, का पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने विद्युत विभाग को बिजली बिल के बड़े बकायेदारों की सूची के साथ साथ रेलवे, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, सरकारी कार्यालयों में बकाया राशि का ब्यौरा देने का निर्देश दिया। परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने कार्रवाई के दौरान और रजिस्ट्रेशन से प्राप्त राजस्व का अलग-अलग ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
नगर निगम की समीक्षा के दौरान उन्होंने वोटर कनेक्शन की संख्या, प्राप्त राजस्व तथा बड़े बकायेदारों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने कहा कि होल्डिंग टैक्स और अन्य यूजर चार्जेस का ब्यौरा प्राप्त होने पर वसूली एजेंसी की कार्यक्षमता का पता चलेगा।
नए सोफ्टवेयर में गाड़ी नंबर डालते ही मिलेगी सारी जानकारी
बैठक के दौरान जीएसटी विभाग के पदाधिकारी ने बताया कि विभाग ने एक नया मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया है। जिसमें वाहन का नंबर टाइप करते ही वाहन के संबंध में सारी जानकारियां विभाग को मिल जाएगी। साथ ही वाहन कितने टोल प्लाजा से गुजरा है, उसपर कौन सा टैक्सेबल गुड्स है सहित अन्य जानकारी मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा चौबीसों घंटे वाहनों की चेकिंग की जाती है। अब तक जीएसटी चोरी करने के आरोप में 38 वाहन को सीज किया गया है और उनसे 21 लाख 61 हजार रुपए टैक्स के रूप में वसूला गया है।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने निबंधन, खनन, राष्ट्रीय बचत, मत्स्य, विद्युत सहित अन्य विभागों की समीक्षा की तथा सभी विभाग से कार्रवाई कर राजस्व वसूली में तेजी लाने का निर्देश दिया। बैठक में उपायुक्त के साथ वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला खनन पदाधिकारी व अन्य विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।