मिरर मीडिया : ड्रोन के खतरे को मात देने पहला स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम को सशस्त्र सेनाओं के बेड़े में शामिल किया गया है।
आपको बता दें कि ड्रोन के खतरे को भांपते हुए भारतीय नौसेना ने पहले एंटी-ड्रोन सिस्टम के लिए भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड से करार किया है। लेजर तकनीक पर आधारित ये सिस्टम ड्रोन को जाम कर मार गिरा सकता है। करार में एनएडीएस सिस्टम के मोबाइल और स्टेटिक वर्जन शामिल है। मोबाइल वर्जन एक ट्रक पर लगाया गया है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एनएडीएस सिस्टम किसी भी माइक्रो-ड्रोन को तुरंत पता लगाकर उसे जाम कर सकता है। इस सिस्टम को भारतीय नौसेना के सभी सामरिक महत्व के बेस पर तैनात किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ये नेवल एंटी ड्रोन सिस्टम (एनएडीएस) डीआरडीओ ने तैयार किया है और बीईएल इसका उत्पादन कर रहा है। नेवल एंटी ड्रोन सिस्टम ‘सॉफ्ट-किल’ और ‘हार्ड-किल’ दोनों ही विकल्पों में उपलब्ध होगा। इस सिस्टम का पहला इस्तेमाल इसी साल राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में किया गया था। इसके बात गुजरात में मोदी-ट्रंप के रोड-शो और फिर लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किया गया था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, बेहद ही जल्द ये एनएडीएस सिस्टम नौसेना को मिलने शुरू हो जाएगें। इसके अलावा जल्द ही थलसेना और वायुसेना भी बीईएल से इन एंटी ड्रोन सिस्टम का करार किया जाएगा।