मिरर मीडिया : कोरोना क़ी दूसरी लहर के बाद डेल्टा प्लस वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी हैं। आपको बता दें क़ि अबतक कोरोना का नया स्वरुप सिर्फ डेल्टा प्लस वेरिएंट के खतरे क़ो लेकर कयास लगाए जा रहें थे इसी बीच महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट ग्रुप के तीन अलग-अलग वायरस का खतरा मंडराने लगा हैं। जानकारों के मुताबिक डेल्टा प्लस वेरिएंट का ये नया रूप कितना खतरनाक है और इसकी संक्रमण दर को लेकर और स्टडी की जरूरत है।
हाल में वायरस के जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चला है कि महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के कुल 66 केस हैं। इसमें डेल्टा प्लस वेरिएंट ग्रुप के तीन अलग-अलग रूप हैं- Ay.1, Ay.2 and Ay.3. अब, वैज्ञानिकों ने डेल्टा-प्लस के 13 और उप-वंशों की खोज की है, जो Ay.1, Ay.2, Ay.3 से शुरू होकर 13 तक पूरे हुए हैं। डेल्टा वेरिएंट में म्युटेशन के बाद डेल्टा-प्लस बना है। ये डेल्टा के स्पाइक प्रोटीन में K417N नामक एक अतिरिक्त म्युटेशन के कारण बना है। ये संक्रमित कोशिकाओं के लिए वायरस के अटैचमेंट को बढ़ाता है।
महाराष्ट्र में इन दिनों कोरोना के हर रोज़ 5 से 6 हज़ार नए मामले सामने आ रहे हैं वहीं मुंबई में अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के 11 केस मिले हैं। सनद रहें क़ि इसी से एक 63 साल की महिला की मौत हो गई। जबकि इनके परिवार से 6 और लोग कोरोना से संक्रमित मिले हैं। इनमें से कुछ लोगों में डेल्टा प्लस के संक्रमण का मामला भी सामने आया है। गौरतलब हैं क़ि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित अब तक 66 मरीज मिले हैं और उनमें से पांच की मौत हो चुकी है। इन 66 मरीजों में से कुछ ने टीके की दोनों खुराक ले रखी थी। राज्य के अलग-अलग हिस्सों से मरीजों के लिए गए सैंपल के जीनोम सीक्वेंसिंग जांच में ये मामले आए। डेल्टा प्लस वेरिएंट के सबसे ज्यादा 13 मामले उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव से आए हैं। वहीं रत्नागिरि से 12 और मुंबई से 11 मामले आ चुके हैं।