मिरर मीडिया : कोरोना कोरोना से होने वाले मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने डेथ सर्टिफिकेट जारी कर सरकार से मदद किये जाने के निर्देश दिये हैं। आपको बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना से हजारों लोगों की मौत हुई और कई घर भी बर्बाद हुए। किसी ने अपने माता-पिता खोए तो किसी ने अपने पति-पत्नी, हजारों परिवार और बच्चे अनाथ हो गए।इसी क्रम में कोरोना पॉजिटिव होने पर कई लोग ऐसे भी थे जो अवसाद में चले गए और आत्महत्या कर ली। ऐसे लोगों को डेथ सर्टिफिकेट जारी करने और परिवार को सरकारी मदद दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि ऐसे मामलों में जहां कोरोना से परेशान होकर किसी ने आत्महत्या की हो तो उसे कोविड-19 से हुई मौत माना जाए। कोर्ट ने इस बारे में राज्यों को नए दिशानिर्देश जारी देने के लिए कहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शपथपत्र में केंद्र के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड से मरे लोगों को आसानी से प्रमाणपत्र देने के संबंध में दिशानिर्देश बनाए हैं। यह निर्देश राज्यों को भेजे गए हैं। दरअसल, केंद्र ने कोर्ट को जो शपथपत्र सौंपा है उसमें कहा गया है कि जहर खाने या अन्य दुर्घटना के कारण अगर मृत्यु होती है तो चाहे कोविड-19 उसमें एक कारण क्यों न हो, उसे कोविड से हुई मौत नहीं माना जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि कोरोना के कारण आत्महत्या करने वाले की मौत को कोविड से हुई मौत नहीं मानना स्वीकार्य नहीं है। उन्हें भी कोविड से हुई मौत का प्रमाणपत्र मिलना चाहिए।
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार सरकार ने कोर्ट में एफिडेविट फाइल कर बताया कि कोविड-19 पॉजिटिव होने के 30 दिन के भीतर किसी की मौत हॉस्पिटल या घर में हो जाती है तो डेथ सर्टिफिकेट पर मौत की वजह कोविड-19 ही बताई जाएगी।