डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने आज समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण व कौशल विकास विभाग के तहत चल रही विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस बैठक में श्रम उपाधीक्षक, जिला नियोजन पदाधिकारी, जिला कौशल पदाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। उपायुक्त ने इस बात पर जोर दिया कि रोजगार मेला युवाओं को नौकरी से जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम बने और सभी योजनाओं का क्रियान्वयन परिणामोन्मुखी होना चाहिए, जिससे युवाओं को स्वरोजगार और कौशल विकास के अधिक से अधिक अवसर मिल सकें।
श्रम विभाग की योजनाओं पर गहन मंथन
श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण, ई-श्रम पोर्टल, श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं और न्यूनतम वेतन अधिनियम के क्रियान्वयन की प्रगति पर चर्चा हुई। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान, सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आपसी समन्वय से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने श्रम न्यायालय में लंबित मामलों की भी जानकारी ली। इसके अतिरिक्त, समान कार्य के लिए समान वेतन, बाल श्रम एवं किशोर श्रम निषेध तथा खतरनाक कार्यों में बच्चों की भागीदारी रोकने के लिए समर्पित अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।
ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण को लेकर उपायुक्त ने कहा कि ऑफलाइन पंजीकृत श्रमिकों की सूची प्रत्येक प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ साझा की जाए और श्रमिकों से संबंधित दस्तावेज संकलित कर उनका ऑनलाइन पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। झारखंड भवन निर्माण कर्मकार बोर्ड के तहत मिलने वाले मृत्यु, दुर्घटना, शिक्षा, विवाह एवं मातृत्व लाभ जैसी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए गए।
नियोजन और कौशल विकास से युवाओं को मिलेगा संबल
नियोजन विभाग की समीक्षा में रोजगार मेला आयोजन, नियोक्ता पंजीकरण और प्रत्यक्ष रोजगार सृजन की प्रगति का मूल्यांकन किया गया। उपायुक्त ने नियमित अंतराल पर रोजगार और भर्ती मेले आयोजित करने के निर्देश दिए और युवाओं की करियर काउंसलिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा। जिला नियोजन पदाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष अब तक 7 रोजगार मेलों के माध्यम से 106 युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरी दिलाई गई है, जबकि जुलाई माह में एक और रोजगार मेला प्रस्तावित है।
कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में सक्षम झारखंड योजना, मुख्यमंत्री सारथी योजना (बिरसा योजना के अंतर्गत), कल्याण गुरुकुल और मेगा स्किल सेंटर से जुड़े कार्यों का जायजा लिया गया। उपायुक्त ने कहा कि युवाओं को कौशल आधारित प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना ही मुख्य लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता, प्रशिक्षकों की दक्षता, नामांकन प्रक्रिया और प्रशिक्षित युवाओं की प्लेसमेंट स्थिति की नियमित निगरानी करने का निर्देश दिया।
युवाओं को प्रशिक्षण के लिए प्रेरित करने यानी मोबिलाइजेशन में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि स्थानीय भाषा में प्रचार-प्रसार से युवाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए। कुछ प्रशिक्षणदायी एजेंसियों का कार्य संतोषजनक नहीं पाए जाने पर, उपायुक्त ने स्किल सेंटर से प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं के प्लेसमेंट में प्रशिक्षणदायी एजेंसियों की जवाबदेही तय करने की बात कही। कल्याण गुरुकुल में संचालित पाठ्यक्रमों, प्रशिक्षण की समयावधि, लक्षित संख्या बनाम वास्तविक नामांकन और प्रशिक्षण के बाद युवाओं की नौकरी या स्वरोजगार की स्थिति की भी समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।