मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास बुधवार को एक दर्दनाक हादसे में नौसेना की स्पीडबोट नियंत्रण खोने के बाद एक यात्री नौका से टकरा गई। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 99 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। मृतकों में 12 नागरिक, नौसेना का एक अधिकारी और मूल उपकरण निर्माता (OEM) के दो कर्मचारी शामिल हैं।
कैसे हुआ हादसा?
भारतीय नौसेना के बयान के अनुसार, स्पीडबोट में इंजन परीक्षण चल रहा था, जब तकनीकी खराबी के कारण चालक नियंत्रण खो बैठा। यह स्पीडबोट एक कठोर इन्फ्लेटेबल बोट (RIB) थी। हादसे के समय नौका में 110 यात्री सवार थे, जो एलीफेंटा द्वीप से गेटवे ऑफ इंडिया लौट रहे थे।
प्राथमिकी दर्ज
कोलाबा पुलिस ने घटना को लेकर नौसेना की स्पीडबोट के चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। यह शिकायत साकीनाका निवासी नाथाराम चौधरी द्वारा दर्ज कराई गई, जो हादसे में जीवित बचे।
बचाव और राहत अभियान
घटना के तुरंत बाद बड़े पैमाने पर तलाशी और बचाव अभियान चलाया गया। भारतीय नौसेना की 11 नावें, मरीन पुलिस की 3 नावें और तटरक्षक बल की एक नाव ने इस अभियान में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री ने की मुआवजे की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
जांच जारी
हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। यह हादसा सुरक्षा मानकों की अनदेखी और तकनीकी खामियों की ओर इशारा करता है। अधिकारियों का कहना है कि विस्तृत जांच के बाद ही जिम्मेदारी तय की जाएगी।
शोक की लहर
इस हादसे ने मुंबई और देशभर में शोक की लहर पैदा कर दी है। मृतकों के परिवारों में गहरा दुख व्याप्त है, और लोग सवाल कर रहे हैं कि ऐसी घटनाएं रोकने के लिए और क्या कदम उठाए जा सकते हैं।