लौह पुरुष सरदार सरदार वल्लभ भाई पटेल की 146 वीं जयंती : गृह मंत्री अमित शाह ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की

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मिरर मीडिया : भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और लौह पुरुष सरदार सरदार वल्लभ भाई पटेल की 146 वीं जयंती पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की। गृह मंत्री अमित शाह आज ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद हैं। इस बाबत अमित शाह ने ट्वीट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनवाई गई सरदार पटेल जी के योगदान जितनी विराट ‘Statue Of Unity’ न्याय के आदर्श की प्रतीक है। ये देश के किसान, गरीब और उपेक्षित वर्ग को समान अधिकार देकर समाज में सम्मानपूर्वक जीवन देंने के संकल्प की प्रतिमा है।

[su_dropcap]जा[/su_dropcap]नकारी दे दें कि 2018 में तैयार इस प्रतिमा को प्रधानमंत्री मोदी जी ने 31 अक्टूबर 2018 को राष्ट्र को समर्पित किया। यह प्रतिमा 5 वर्षों में लगभग 3000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है। सरदार पटेल की यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है और यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। आपको बता दें कि इसकी ऊँचाई 240 मीटर है, जिसमें 58 मीटर का आधार है। मूर्ति की ऊँचाई 182 मीटर है, जो स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊँची है। 31 अक्टूबर 2013 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 137वीं जयंती के मौके पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार वल्लभ भाई पटेल के एक नए स्मारक का शिलान्यास किया। यहाँ लौह से निर्मित सरदार वल्लभ भाई पटेल की एक विशाल प्रतिमा लगाने का निश्चय किया गया, अतः इस स्मारक का नाम ‘एकता की मूर्ति’ (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) रखा गया है। प्रस्तावित प्रतिमा को एक छोटे चट्टानी द्वीप ‘साधू बेट’ पर स्थापित किया गया है जो केवाडिया में सरदार सरोवर बांध के सामने नर्मदा नदी के बीच स्थित है।

गौरतलब है कि सरदार बल्लभ भाई पटेल का जन्म नडियाद, गुजरात में एक लेवा पटेल(पाटीदार) जाति में हुआ था। वे झवेरभाई पटेल एवं लाडबा देवी की चौथी संतान थे। सोमाभाई, नरसीभाई और विट्टलभाई उनके अग्रज थे। उनकी शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई। लन्दन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया। वे राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया। भारत और अन्य जगहों पर, उन्हें अक्सर हिंदी, उर्दू और फ़ारसी में सरदार कहा जाता था, जिसका अर्थ है “प्रमुख”। उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।

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