जेल में लगे 172 कैमरे हुए नाकाम, चार मेटल डिटेक्टर होने के बावजूद जेल के अंदर पहुंचा पिस्टल

Anupam Kumar
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धनबाद : गैंगस्टर अमन सिंह की जेल के अंदर गोली मारकर हत्या की घटना ने जिला व जेल प्रशासन दोनों की व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग यह जानने को बेचैन हैं कि आखिर जेल जैसे अति सुरक्षित इलाके में कैसे न सिर्फ हत्या की साजिश रची गई, बल्कि हत्या के लिए पिस्टल भी अंदर भेज दिया गया। लोगों के मन तो ऐसे भी सवाल उठने लगे हैं कि लोग जेल में भी सुरक्षित नहीं है तो अन्य जगहों की तो बात ही छोड़ दें।

बता दें कि धनबाद जेल के मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर अंदर के गेट तक चार मेटल डिटेक्टर लगे हैं। जेल जानेवाले बंदी और उनसे मुलाकात करने आनेवाले लोगों की ही नहीं, जेलकर्मियों तक ही यहां तलाशी होती है। जेल के अंदर पहुंचाए जानेवाले हर सामान की यहां खुले में जांच की जाती है। सामान यदि पैकेट में भी है तो उसे खोलकर देखा जाता है। यह स्पष्ट होने के बाद कि कोई आपत्तिजनक सामान नहीं है, तभी जेल के अंदर का फाटक खुलता है। जेल परिसर के अंदर सिपाही भी बिना हथियार के ड्यूटी करते हैं। ऐसे में जेल के अंदर पिस्टल जैसा हथियार अंदर ले जाना लगभग नामुमकिन है। बावजूद इसके पिस्टल जेल में कैसे पहुंचा। घटना बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है। अब देखना होगा कि पुलिस इस गुत्थी को कब तक सुलझा पाती है।

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