महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को राज्य के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री, उद्योग जगत के प्रमुख और फिल्मी सितारे शामिल हुए।
महायुति गठबंधन की सरकार बनी
भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) के गठबंधन ‘महायुति’ ने राज्य में स्थिर सरकार बनाने का दावा पेश किया। विधानसभा में महायुति के पास कुल 230 सीटें हैं, जिसमें भाजपा की 132 सीटें हैं। देवेंद्र फडणवीस को भाजपा विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुना गया।
मंत्रिमंडल का स्वरूप तय
सूत्रों के अनुसार, नई सरकार में भाजपा के कोटे से 20 मंत्री, शिवसेना शिंदे गुट से 13 मंत्री और एनसीपी के कोटे से 10 मंत्री शामिल किए जाएंगे। तीनों दलों ने अपने-अपने मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए बैठकें शुरू कर दी हैं।
‘मंत्रालय’ में कार्यभार संभाला
शपथ ग्रहण के बाद फडणवीस, शिंदे और पवार ने मंत्रालय में अपनी नई जिम्मेदारियां संभालीं। तीनों नेताओं का सचिवालय पहुंचने पर पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज, जीजाबाई, डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा फुले की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की।
पहली कैबिनेट बैठक
नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में प्रशासनिक प्राथमिकताओं और योजनाओं पर विचार-विमर्श हुआ।
राजनीतिक परंपरा और इतिहास
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। इससे पहले वसंतदादा पाटिल और शरद पवार चार-चार बार, जबकि शंकरराव चव्हाण, विलासराव देशमुख और अशोक चव्हाण दो-दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
देवेंद्र फडणवीस ने सभी दलों के साथ मिलकर राज्य की प्रगति और जनता के हितों को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता जताई है। उनकी नई सरकार को लेकर प्रदेशवासियों और राजनीतिक हलकों में उम्मीदें और चर्चाएं तेज हो गई हैं।