हर साल 26 अगस्त को महिला समानता दिवस (Women’s Equality Day) मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं की समानता और उनके अधिकारों को समर्पित है। खासतौर पर यह दिवस अमेरिका में महिलाओं को मताधिकार मिलने की ऐतिहासिक उपलब्धि की याद दिलाता है। 1920 में अमेरिकी संविधान के 19वें संशोधन (19th Amendment) के तहत महिलाओं को वोट का अधिकार मिला और उसी की स्मृति में 1971 से यह दिवस मनाया जाने लगा।

आंदोलन से मिली पहचान
दरअसल, 26 अगस्त 1970 को न्यूयॉर्क सिटी में महिलाओं ने Women’s Strike for Equality नामक एक विशाल आंदोलन किया था, जिसमें हजारों महिलाएं सड़कों पर उतरीं। यह आंदोलन समान वेतन, बराबरी के अवसर और मातृत्व संबंधी सुविधाओं की मांग को लेकर हुआ था। इसके बाद कांग्रेसवुमन बेला अबज़ग ने 26 अगस्त को “महिला समानता दिवस” घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया और 1973 में इसे आधिकारिक मान्यता मिल गई।
आज भी प्रासंगिक है यह दिवस
आज के दौर में यह दिन केवल इतिहास का स्मरण भर नहीं है, बल्कि यह लैंगिक असमानता, वेतन अंतर, महिलाओं की राजनीतिक और सामाजिक भागीदारी की कमी जैसे मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करता है। दुनियाभर में इस मौके पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, महिला नेतृत्व को सम्मानित किया जाता है और समान अधिकारों के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है।
समानता का संदेश
महिला समानता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि समाज तभी आगे बढ़ सकता है, जब महिलाएं और पुरुष दोनों को बराबरी के अधिकार और अवसर मिलें। यह दिन न केवल संघर्ष और उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को समानता की दिशा में आगे बढ़ने का संदेश भी देता है।