नई दिल्ली: चीन से शुरू हुआ ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) अब भारत में भी पहुंच गया है। सोमवार को भारत में इस वायरस के पांच मामले दर्ज किए गए, जिनमें कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात से मामले सामने आए हैं। संक्रमितों में सभी बच्चे हैं, जिनमें सबसे छोटे की उम्र 2 महीने और एक की 8 महीने है।
क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)?
HMPV एक श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला वायरस है, जो खासकर बच्चों और बुजुर्गों में सांस से जुड़ी समस्याएं पैदा करता है। यह वायरस सर्दियों में अधिक सक्रिय होता है और मुख्यतः छोटे बच्चों को संक्रमित करता है।
चीन से भारत तक: क्या स्थिति है?
चीन में HMPV के तेजी से बढ़ते मामलों ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। इसके बाद भारत में इसके पहले मामले सामने आए, जिससे लोगों के बीच चिंता बढ़ गई। सोशल मीडिया पर लॉकडाउन जैसे शब्द ट्रेंड करने लगे और लोगों ने इसे कोविड-19 से जोड़कर देखना शुरू कर दिया।
हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्पष्ट किया है कि यह वायरस उतना घातक नहीं है, और सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है।
विशेषज्ञों की राय:
ICMR के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर के मुताबिक, HMPV भारत के लिए नया नहीं है। यह सर्दियों में आमतौर पर देखा जाता है और इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह वायरस जानलेवा नहीं है और इसके लिए किसी विशेष दवा या टीके की आवश्यकता नहीं है।
कैसे करें HMPV से बचाव?
- मास्क पहनें और स्वच्छता बनाए रखें।
- भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से बचें।
- संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं।
- बच्चों को पोषक आहार और भरपूर पानी दें।
- अच्छी हवादार जगहों पर रहें।
सरकार की तैयारियां:
दिल्ली समेत कई राज्यों ने अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। राजधानी में श्वसन बीमारियों से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
डर नहीं, सतर्कता जरूरी
HMPV के मामले बढ़ने से लोग चिंतित जरूर हैं, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक, यह कोविड-19 की तरह महामारी का रूप नहीं लेगा। सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।