झांसी रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार देर रात उस समय अफरा-तफरी मच गई जब हजरत निजामुद्दीन से दुर्ग जा रही छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में बम होने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं और ट्रेन की पूरी तरह तलाशी ली गई। हालांकि घंटों की जांच के बाद यह बम की सूचना अफवाह साबित हुई, लेकिन तब तक प्लेटफॉर्म पर मौजूद यात्रियों और रेलवे कर्मियों में भारी दहशत फैल चुकी थी।
📞 दिल्ली से आई बम की सूचना
बताया जा रहा है कि दिल्ली कंट्रोल रूम को एक अज्ञात फोन कॉल के माध्यम से सूचना दी गई कि छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में बम रखा गया है। इस कॉल के बाद तुरंत अलर्ट जारी कर दिया गया और झांसी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचने से पहले ही सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया।
🚨 सुरक्षा एजेंसियों ने संभाला मोर्चा
जैसे ही ट्रेन झांसी स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 2-3 पर पहुंची, मौके पर मौजूद आरपीएफ, जीआरपी, बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड, सिविल पुलिस ने पूरे प्लेटफॉर्म को खाली करवा लिया। यात्रियों को तत्काल ट्रेन से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।
🎒 संदिग्ध बैग से फैली सनसनी
जांच के दौरान ट्रेन के B-1 कोच में तीन संदिग्ध लावारिस बॉक्स पाए गए, जिसे देख अधिकारी सतर्क हो गए। पूछताछ में कोच अटेंडेंट ने बताया कि ये बैग किसी यात्री ने सौंपा था और उन्हें जानकारी नहीं थी कि किसका सामान है।
बम निरोधक दस्ते ने पूरी ट्रेन की बारीकी से जांच की। स्निफर डॉग्स की मदद से कोच और संदिग्ध बैग की तलाशी ली गई। जांच के दौरान किसी भी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला, जिसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
🕒 घंटों रुकी रही ट्रेन, आधी रात के बाद रवाना
बम की सूचना और जांच प्रक्रिया के कारण ट्रेन को करीब एक घंटे से अधिक झांसी स्टेशन पर रोकना पड़ा। सभी यात्रियों को इंतजार करना पड़ा, लेकिन रेलवे प्रशासन द्वारा सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई। करीब रात 12:30 बजे ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया।
🔍 कॉल करने वाले की तलाश जारी
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, बम की सूचना देने वाला कॉल फर्जी था। अब कॉलर की पहचान के लिए मोबाइल नंबर की ट्रेसिंग की जा रही है। संबंधित थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपी की तलाश जारी है।
📢 रेलवे प्रशासन की अपील
रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे इस प्रकार की झूठी सूचना फैलाने से बचें, क्योंकि इससे न सिर्फ सार्वजनिक संपत्ति और संसाधनों का दुरुपयोग होता है, बल्कि यात्रियों की जान को भी खतरा होता है। ऐसी घटनाओं में दोषी पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।