बिहार में 47% मतदाताओं से डेटा इकट्ठा, विपक्ष बोला – दस्तावेज़ मांगना लोकतंत्र के खिलाफ : चुनाव आयोग ने कहा ये चुनाव से पूर्व नियमित प्रक्रिया

KK Sagar
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बिहार में चुनाव आयोग की विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर सियासत गर्मा गई है। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और मतदाता सूची में चल रही जांच को “दस्तावेज़ आधारित चयन” की ओर खतरनाक कदम बताया है। वहीं, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया नियमित और पूर्व निर्धारित है, जो हर चुनाव से पहले होती रही है।

🔍 क्या है मामला?

चुनाव आयोग ने बिहार में 25 जुलाई 2025 तक SIR (Special Intensive Revision) के तहत मतदाता सूची अपडेट करने का अभियान शुरू किया है।

विपक्षी दलों का कहना है कि चुनाव आयोग द्वारा मांगे जा रहे दस्तावेज़ अनुचित हैं और इससे कमजोर वर्ग के मतदाताओं को सूची से बाहर किया जा सकता है।

दूसरी ओर, आयोग ने कहा है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और नियमित है, और इसका मकसद सटीक और अद्यतन मतदाता सूची तैयार करना है।


📊 अब तक की प्रगति

अब तक 3.70 करोड़ से अधिक मतदाताओं (46.95%) से फॉर्म इकट्ठा किए जा चुके हैं।

8 जुलाई 2025 तक कुल 78969844 मतदाताओं में से 37077077 से फॉर्म जमा हो चुके हैं।

7.90 करोड़ फॉर्म छापे गए, जिनमें से 97% से अधिक वितरित किए जा चुके हैं (77044990)।

18.16% फॉर्म ECINET पोर्टल पर अपलोड भी हो चुके हैं।


📈 24 घंटे में रिकॉर्ड प्रगति

सिर्फ सोमवार (8 जुलाई) को शाम 6 बजे तक – 82,78,617 फॉर्म एकत्र किए गए।

यह एक दिन में एकत्रित कुल फॉर्मों का 10.5% है, जो प्रक्रिया में तेजी को दर्शाता है।


👥 ज़मीनी कार्यबल और सहयोग

20603 बीएलओ (Booth Level Officers) विशेष रूप से फॉर्म संग्रह में लगे हुए हैं।

77895 बीएलओ घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं।

बीएलओ का पहला दौरा पूरा हो चुका है और दूसरा दौर अभी चल रहा है।


🤝 वालंटियर और प्रशासनिक समर्थन

4 लाख से अधिक वालंटियर – जिनमें सरकारी कर्मचारी, एनसीसी कैडेट, एनएसएस सदस्य शामिल हैं, बुजुर्ग, दिव्यांग, बीमार मतदाताओं की मदद कर रहे हैं।

243 विधानसभा क्षेत्रों (AC), 963 AERO, 38 DEO और राज्य के CEO मतदाता संपर्क अभियान में लगे हैं।


🏛️ राजनीतिक दलों की भागीदारी

सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों ने बीएलए (Booth Level Agent) की नियुक्ति तेज की है।

156626 बीएलए नियुक्त किए जा चुके हैं, जबकि प्रक्रिया की शुरुआत में 138680 बीएलए थे।

बीएलए मतदाताओं को फार्म भरने में सहायता कर रहे हैं।


🗣️ चुनाव आयोग की सफाई

“यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है। हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जाता है। यह पारदर्शी और सहभागी प्रक्रिया है।”

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