डिजिटल डेस्क/ कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व सूचना के डीवीसी ने अपने जलाशयों से 27,000 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा, जिससे राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। ममता बनर्जी ने इस स्थिति के लिए सीधे तौर पर डीवीसी को जिम्मेदार ठहराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीवीसी द्वारा अचानक पानी छोड़े जाने से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे गांवों और खेतों में पानी घुस गया, और लोगों के घरों में भी पानी भर गया। उन्होंने केंद्र सरकार और डीवीसी से आग्रह किया कि वे राज्य सरकार के साथ समन्वय बनाकर काम करें, ताकि ऐसी आपदाओं से पहले से तैयारी की जा सके और आम लोगों के जीवन व फसलों को बचाया जा सके।
ममता बनर्जी ने कोलकाता में जलभराव की समस्या पर भी बात की और बताया कि इसे अतीत की बात बनाने के लिए तेजी से बुनियादी ढांचे में सुधार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2025 तक सभी जल निकासी परियोजनाएं पूरी कर ली जाएंगी। नगर निगम, सिंचाई विभाग और शहरी विकास मंत्रालय मिलकर एक एकीकृत ड्रेनेज नेटवर्क पर काम कर रहे हैं, जिससे भविष्य में मानसून के दौरान स्थायी राहत मिलेगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने बिहारी समुदाय के योगदान की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि कोलकाता नगर निगम के 90 प्रतिशत कर्मचारी बिहार से हैं, और उनकी मेहनत व सेवा भावना से ही शहर की व्यवस्था सुचारु रूप से चल रही है। ममता बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि बंगाल सभी भारतीयों का राज्य है और यहां किसी भी समुदाय को हाशिये पर नहीं रखा जाता। यह टिप्पणी उन्होंने भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों के साथ कथित उत्पीड़न के आरोपों के बीच की है।