Bihar: सुप्रीम कोर्ट से लालू यादव को झटका; निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से किया इनकार

Neelam
By Neelam
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लैंड फॉर जॉब मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने लालू यादव की याचिका पर कोई भी आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने ट्रायल पर रोक लागने की उनकी मांग को खारिज कर दिया है। साथ ही हाईकोर्ट को तेजी से सुनवाई करने के लिए कहा है।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सीबीआई के जमीन के बदले नौकरी मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि सीबीआई के आरोपपत्र को रद्द करने की लालू यादव की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट फैसला करेगा। जस्टिस एम एम सुंदरेश की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि वो अंतरिम राहत नहीं देगी। कोर्ट ने कहा, हम रोक नहीं लगाएंगे। हम अपील खारिज कर देंगे और कहेंगे कि मुख्य मामले पर फैसला होने दीजिए। हम इस छोटे से मामले को क्यों रोके रखें?”

दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे लालू

आरजेडी सुप्रीमो बीते दिन ही राहत की मांग लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। लैंड फॉर जॉब मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग लालू यादव ने सुप्रीम कोर्ट से की थी। इससे पहले लालू यादव की इस मांग को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 29 मई को कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और एफआईआर रद्द करने की उनकी याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी करने के बाद लालू यादव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

क्या है नौकरी के बदले जमीन का मामला ?

यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित भारतीय रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है। यह नियुक्ति 2004 से 2009 के बीच लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थी। इन नियुक्तियों के बदले में लोगों ने राजद सुप्रीमो के परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन के टुकड़े उपहार में दिए या हस्तांतरित किए। इस केस में लालू प्रसाद यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियां (मीसा भारती और हेमा यादव) के अलावा 12 अन्य लोगों के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर हैं। 18 मई 2022 को लालू और उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। चार्जशीट के मुताबिक लालू यादव ने बिना विज्ञापन ग्रुप डी में 12 लोगों को नौकरी दी। उसके बदले आवेदकों से अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन लिखवाई। आरोप के तहत जमीन देने वालों को रेलवे के अलग-अलग जोन में नौकरी दी गई।

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