डिजिटल डेस्क। कोलकाता: स्कूल में छेड़छाड़ के आरोप में अपमानित होने के बाद नौवीं कक्षा के 15 वर्षीय छात्र सूर्य मन्ना ने आत्महत्या कर ली। यह दुखद घटना शनिवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के कांथी थाना क्षेत्र के पिचवानी इलाके में सामने आई। छात्र के घर से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि वह अपमान सहन न कर पाने के कारण आत्महत्या कर रहा है, और खुद को निर्दोष बताया है।
पुलिस के अनुसार मृतक छात्र सूर्य मन्ना पर पिछले गुरुवार को स्कूल में आठवीं कक्षा की एक छात्रा से छेड़छाड़ का आरोप लगा था। हालांकि, सूर्य ने लगातार खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वह उस लड़की को जानता तक नहीं।
उसी दिन दोपहर में जब सूर्य अपने एक सहपाठी के घर से लौट रहा था, पिचवानी बाजार में कुछ लोगों ने उसे रोक लिया और उसकी पिटाई की। उसके माता-पिता को भी बुलाया गया। छात्र ने तब भी खुद को निर्दोष बताया, लेकिन उसे सभी से माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया। रात में घर लौटने के बाद भी सूर्य ने अपने माता-पिता से कहा कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया है, लेकिन बताया जा रहा है कि माता-पिता ने भी उसे डांटा।
सुसाइड नोट में बयां किया दर्द
किशोर ने घर के बाहर फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। उसे स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक छात्र के घर से मिले सुसाइड नोट में सूर्य ने अपने पिता को लिखा है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया, उसे झूठे आरोपों में सबके सामने प्रताड़ित किया गया, और वह अपमान सहन न कर पाने के कारण आत्महत्या कर रहा है।
सूर्य के पिता रवींद्रनाथ मन्ना ने बताया कि लड़के ने बार-बार खुद को निर्दोष बताया, लेकिन लड़की के परिवार और जानने वालों ने उसे बदनाम किया। उन्होंने लड़की के पिता को अपने बेटे की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि उन्होंने बाजार से कुछ लोगों को बुलाकर उनके बेटे को पीटा और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
दूसरी ओर लड़की के परिवार ने लड़के की आत्महत्या के लिए किसी भी तरह से खुद को जिम्मेदार होने से इनकार किया है। कांथी थाने के एक अधिकारी ने बताया कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
पिछली घटनाओं की यादें ताजा
इस घटना ने इसी साल मई में पूर्व मेदिनीपुर के ही पांशकुड़ा इलाके में हुई एक अन्य दुखद घटना की याद दिला दी है, जहां सातवीं कक्षा के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली थी। उस पर एक दुकानदार ने चिप्स का पैकेट चुराने का आरोप लगाया था, जबकि छात्र ने दावा किया था कि उसने ऐसा नहीं किया था। ये घटनाएं समाज में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और गलत आरोपों के परिणामों पर गंभीर सवाल उठाती हैं।
जब बातें गलत मोड़ ले लेती हैं, मदद मांगना और समाधान खोजना चाहिए। हमें यह समझना होगा कि कभी-कभी गलतफहमियां हो जाती हैं और आरोप लगाए जाते हैं। ऐसे में यह बहुत ज़रूरी है कि हम शांत रहें और सही तरीके से चीजों को संभालें। किसी को भी दूसरों को बिना पूरा सच जाने नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है।
अगर आप या आपका कोई दोस्त ऐसी मुश्किल में है तो क्या करें:
- अपने माता-पिता या किसी बड़े से बात करें: अगर आपको लग रहा है कि आपके साथ कुछ गलत हो रहा है या आप पर गलत आरोप लग रहे हैं, तो सबसे पहले अपने माता-पिता, शिक्षक, या किसी भरोसेमंद बड़े को बताएं। वे आपकी बात सुनेंगे और आपको सही रास्ता दिखाएंगे।
- स्कूल प्रशासन से मदद मांगें: स्कूल में शिक्षक, काउंसलर, या प्रधानाचार्य होते हैं जो छात्रों की मदद के लिए होते हैं। अगर स्कूल में कोई समस्या है, तो उनसे बात करें।
- शांत रहें और सच बताएं: अगर आप पर कोई आरोप लगता है, तो गुस्सा होने या छिपने के बजाय शांत रहें और सच बताएं। अगर आप निर्दोष हैं, तो अपनी बात रखें।
- भावनात्मक समर्थन महत्वपूर्ण है: अगर आपको बहुत दुख या अपमान महसूस हो रहा है, तो किसी से बात करें। चुप्पी साध लेना कभी भी समाधान नहीं होता। अपने दोस्तों और परिवार से खुलकर बात करने से आपको अकेलापन महसूस नहीं होगा।
- याद रखें, आप अकेले नहीं हैं: ऐसी बहुत सी संस्थाएं और लोग हैं जो मुश्किल समय में छात्रों की मदद करते हैं। अगर आपको कभी भी बहुत बुरा लगे या आत्महत्या के विचार आएं, तो तुरंत मदद मांगें।
अगर कोई आप पर आरोप लगाता है तो क्या करें:
- जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं: किसी पर आरोप लगाने से पहले पूरी जानकारी जुटाएं।
- स्कूल के नियमों का पालन करें: अगर किसी छात्र पर आरोप लगता है, तो स्कूल को अपनी प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।
- हिंसा का सहारा न लें: किसी को भी शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित करना गलत है। इससे समस्या और बढ़ जाती है।
सूर्य की दुखद कहानी हमें सिखाती है कि हमें एक-दूसरे के प्रति अधिक समझदार और संवेदनशील होना चाहिए। किसी भी स्थिति में, हिंसा या किसी को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना सही नहीं है। अगर आपको या आपके किसी दोस्त को मदद की ज़रूरत है, तो हमेशा किसी बड़े से बात करें या हेल्पलाइन पर कॉल करें। आपकी जिंदगी बहुत कीमती है।