हजारीबाग: शहर के प्रतिष्ठित सिद्धू-कान्हू चौक, जिसका उद्घाटन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किया गया था, वहां वीर शहीदों की प्रतिमा खंडित किए जाने की घटना से आदिवासी समाज में गहरा आक्रोश फैल गया है।
इस घटना के विरोध में अबुआ संथाल समाज भारत दिशोम की ओर से प्रधान कैफेटेरिया, हजारीबाग में एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जहां समाज के वरिष्ठ नेताओं ने जिला प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए।
संथाल समाज के केंद्रीय उपाध्यक्ष नरेश हांसदा और समाजसेवी रामा सोनी ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, जबकि चौक पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
वक्ताओं ने आशंका जताई कि यह घटना एक सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दी गई है और वीर शहीदों की प्रतिमा को खंडित करना सिर्फ कानूनी अपराध नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के सम्मान पर सीधा हमला है।
संथाल समाज ने प्रशासन को आखिरी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र दोषियों की गिरफ्तारी और प्रतिमा का पुनर्निर्माण नहीं किया गया तो वे सड़क से सदन तक आंदोलन छेड़ेंगे।
प्रेस वार्ता के दौरान समाज के अन्य प्रमुख सदस्यों ने भी एकजुटता दिखाते हुए कहा कि यह मामला केवल प्रतिमा का नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता और सम्मान का है, जिसे किसी भी सूरत में ठेस नहीं पहुंचने दी जाएगी।