अवैध मतांतरण रैकेट: ईडी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई तेज, बेनामी संपत्तियों और संदिग्ध नंबरों की जांच शुरू

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क/लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस ने हिंदू युवतियों को छल-बल और प्रलोभन से अवैध मतांतरण कराने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके गिरोह के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। ईडी ने छांगुर की बेनामी संपत्तियों और विदेशी फंडिंग की जांच शुरू की है, जबकि आगरा पुलिस ने गिरोह के 10 सदस्यों के मोबाइलों से मिले दर्जनों ग्रुपों और 3,000 से अधिक संदिग्ध नंबरों की छानबीन शुरू कर दी है।

क्या है मामला?
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसका गिरोह हिंदू युवतियों को प्रलोभन और धोखे से मतांतरण कराने में शामिल था। यह गिरोह विदेशी फंडिंग के जरिए संचालित हो रहा था, जिसका उपयोग बलरामपुर और महाराष्ट्र में संपत्तियां खरीदने में किया गया। ईडी विदेश से आए धन और बेनामी संपत्तियों की तह तक जाने के लिए छांगुर से पूछताछ कर रहा है। वहीं, आगरा में गिरोह के सदस्यों के मोबाइलों से मिले ग्रुप जैसे रिवर्ट मुस्लिम, ईमान ग्रुप, सिग्नल, स्नैपचैट और पबजी जैसे एप के जरिए संपर्क का खुलासा हुआ है। कुछ ग्रुप कश्मीर और पाकिस्तान से भी जुड़े हैं।

अब तक क्या हुआ

  • ईडी की कार्रवाई: छांगुर को रिमांड पर लेकर विदेशी फंडिंग और बेनामी संपत्तियों की जांच। बलरामपुर और महाराष्ट्र में खरीदी गई संपत्तियों पर फोकस।
  • पुलिस की जांच: आगरा में 10 आरोपियों के मोबाइलों से 3,000 संदिग्ध नंबर और दर्जनों ग्रुप मिले। कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े ग्रुपों की भी जांच।
  • कोर्ट का फैसला: चार आरोपियों (आयशा, हसन अली, रहमान कुरैशी, मोहम्मद हसन) की चार दिन की रिमांड स्वीकृत। सरगना अब्दुल रहमान की रिमांड 2 अगस्त तक। बाकी छह आरोपियों को जेल।

पुलिस और ईडी अब इन नंबरों और ग्रुपों के जरिए गिरोह के नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है, ताकि इस अवैध मतांतरण रैकेट की पूरी सच्चाई सामने आ सके।

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