डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर: टाटा संस को एक निजी, गैर-सूचीबद्ध कंपनी के रूप में बनाए रखने का बड़ा फैसला लिया गया है। कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक, टाटा ट्रस्ट्स ने यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही ट्रस्ट्स ने टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन को शापूरजी पालोनजी (एसपी) ग्रुप के साथ उनकी हिस्सेदारी की निकास प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। यह खबर द इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से दी है।
टाटा ट्रस्ट्स, जिसके पास टाटा संस में 66% हिस्सेदारी है, ने यह भी तय किया है कि चंद्रशेखरन का कार्यकाल 2027 के बाद भी बढ़ाया जाएगा। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब एसपी ग्रुप, जिसकी टाटा संस में 18.4% हिस्सेदारी है, अपने कर्ज को कम करने के लिए इस हिस्सेदारी को बेचने पर विचार कर रहा है।
एसपी ग्रुप की वित्तीय स्थिति और टाटा संस में उनकी हिस्सेदारी लंबे समय से चर्चा का विषय रही है। टाटा ट्रस्ट्स का यह कदम टाटा संस को निजी कंपनी के रूप में बनाए रखने और समूह की भविष्य की रणनीतियों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक चंद्रशेखरन ने हाल ही में टाटा ट्रस्ट्स के बोर्ड को समूह की प्रगति और सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और डिजिटल उपभोक्ता क्षेत्रों में बड़े निवेश की योजनाओं से अवगत कराया था। यह कदम टाटा समूह में पारदर्शिता और भविष्य की रणनीतियों को लागू करने में सबसे बड़े शेयरधारक के साथ मजबूत संचार को दर्शाता है। विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय टाटा संस को दीर्घकालिक स्थिरता और मूल्य सृजन की दिशा में आगे बढ़ाएगा।