झाझा प्रखंड के बरमसिया गांव को जोड़ने वाला पुल अब पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुका यह पुल दो दिन की लगातार बारिश के बाद उलाई नदी की तेज धार को सहन नहीं कर सका। गणेशी मंदिर की ओर का करीब 8-10 फीट का हिस्सा तेज बहाव में धंस गया।
कुछ समय पहले पुल के दोनों ओर 4 फीट ऊंची दीवार बना दी गई थी ताकि लोगों का आवागमन रोका जा सके, लेकिन स्थानीय लोगों ने आवागमन की मजबूरी में उस दीवार को तोड़ दिया था, जिससे पैदल यात्री और बाइक सवार किसी तरह पुल पार कर रहे थे। अब पूरी तरह धंसे पुल के कारण गांव का मुख्य संपर्क झाझा से कट गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी का बहाव अभी भी तेज है और यदि हालात ऐसे ही बने रहे तो पुल को और अधिक नुकसान हो सकता है। प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे लोगों को अब रक्त रोहिणीया और हथिया गांव होते हुए लंबा रास्ता तय कर झाझा आना-जाना पड़ रहा है।
सावधानी की अपील
प्रशासन और स्थानीय लोगों ने अपील की है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए लोग सतर्क रहें और क्षतिग्रस्त पुल पर आवागमन से पूरी तरह परहेज करें, क्योंकि इससे जान का खतरा हो सकता है।
विकल्प और समाधान की दरकार
स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द वैकल्पिक पुल या अस्थायी व्यवस्था की जाए ताकि स्कूली बच्चों, मरीजों और ग्रामीणों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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