बिहार में आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की दो अलग-अलग वोटर आईडी (EPIC नंबर) सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। आयोग इस मामले को गंभीर मानते हुए जांच में जुट गया है।
🔍 क्या है पूरा मामला?
हाल ही में तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दावा किया था कि चुनाव आयोग ने उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया है, और उन्होंने इस दौरान एक EPIC नंबर (RAB2916120) सार्वजनिक किया। लेकिन अब यही बयान तेजस्वी यादव पर भारी पड़ता नजर आ रहा है।
चुनाव आयोग के अनुसार:
तेजस्वी यादव के नाम पर दो EPIC नंबर हैं –
- RAB0456228 (2015 व 2020 में दर्ज)
- RAB2916120 (अब तक के रिकॉर्ड में अस्तित्वहीन)
आयोग के अनुसार, वर्ष 2015 की मतदाता सूची और 2020 के नामांकन दस्तावेज में तेजस्वी के पास जो EPIC नंबर दर्ज है, वही वैध है। लेकिन हाल में उन्होंने जिस EPIC नंबर (RAB2916120) को सार्वजनिक किया, वह किसी भी सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है।
📝 चुनाव आयोग का नोटिस और आरोप
चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को इस पूरे प्रकरण पर तथ्यात्मक आधार पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। आयोग का कहना है कि यह मामला “मतदाता सूची में दोहरी एंट्री या फर्जी दस्तावेज” से संबंधित हो सकता है।
अब तेजस्वी यादव को आयोग के सामने लिखित में जवाब देना होगा कि:
उनके पास दो EPIC नंबर क्यों हैं?
क्या किसी स्तर पर गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए गए?
उन्होंने किस आधार पर दूसरा EPIC नंबर जारी होने का दावा किया?
🔁 तेजस्वी यादव के दावे पर आयोग का जवाब
तेजस्वी यादव ने यह दावा किया था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है, लेकिन आयोग ने इसे पूरी तरह से “गलत और भ्रामक” करार दिया है।
चुनाव आयोग के अनुसार:
“1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची में तेजस्वी यादव का नाम स्पष्ट रूप से दर्ज है।”
आयोग ने इस विवादित EPIC नंबर (RAB2916120) को “फर्जी या गैर-मौजूद” बताया है और इसकी वैधता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।