Bihar:यहां बनेगा मां सीता का भव्य धाम, अमित शाह रखेंगे नींव, भूमि पूजन से पहले किया ये ट्वीट

Neelam
By Neelam
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बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर अभी काफी वक्त है, लेकिन चुनावी रैलियों का दौर शुरू हो चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश के कई प्रमुख नेता भी लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी आज बिहार आ रहे हैं। हालांकि अमित शाह का दौरा चुनावी नहीं है। वो सीतामढ़ी जा रहे हैं जहां जानकी मंदिर के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे। इसे लेकर अमित शाह ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है।

अमित शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘शुक्रवार का दिन पूरे देश और विशेषकर मिथिलांचल के लिए अत्यंत सौभाग्य और हर्ष का दिन होने वाला है, जब बिहार के सीतामढ़ी स्थित माता सीता की जन्मभूमि में पवित्र पुनौरा धाम मंदिर एवं परिसर के समग्र विकास की वृहद योजना का शिलान्यास होगा।’

पुनौरा धाम के लिए खास ट्रेन की भी सौगात

अमित शाह ने आगे लिखा, ‘साथ ही, यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने सीतामढ़ी-दिल्ली अमृत भारत ट्रेन को भी स्वीकृत किया है, जिसका शुभारंभ भी होगा।

अयोध्या की तर्ज पर बनेगी मां सीता की जन्मस्थली

अमित शाह पहले दरभंगा पहुंचेंगे, फिर वहां से वह सीतामढ़ी जिले के पुनौराधाम जाएंगे। जहां वह 882.87 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली जानकी मंदिर के पुनर्विकास से जुड़े प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। इस जगह को देवी सीता का जन्मस्थान माना जाता है। जिसको लेकर सीतामढ़ी में मां सीता की जन्मस्थली को दुल्हन की तरह सजाया गया है। अयोध्या की तर्ज पर बनेगा मंदिर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद रहेंगे।

882 करोड़ की लागत में बनकर तैयार होगा मंदिर पुनौराधाम में प्रस्तावित मां जानकी मंदिर का निर्माण भव्यता और सांस्कृतिक गरिमा के साथ किया जाएगा। इस मंदिर का वास्तु डिज़ाइन अयोध्या के राम मंदिर के प्रमुख वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा द्वारा तैयार किया गया है। प्रस्तावित मंदिर की ऊँचाई 156 फीट होगी, जो अयोध्या के राम मंदिर (161 फीट) से सिर्फ 5 फीट कम है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 882 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है। यह मंदिर न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का धार्मिक तीर्थस्थल बनाया जाएगा। इसमें धर्मशालाएं, धार्मिक संग्रहालय, यात्री सुविधाएं, और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाले अन्य संसाधन भी विकसित किए जाएंगे। 

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