Bihar: सीतामढ़ी में मां जानकी मंदिर का शिलान्यास, गृहमंत्री अमित शाह ने किया भूमि पूजन

Neelam
By Neelam
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अयोध्या राम मंदिर निर्माण के बाद बिहार के सीतामढ़ी में माता सीता के भव्य मंदिर निर्माण का सपना साकार होने जा रहा है।  बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित पुनौराधाम में मां जानकी मंदिर का शिलान्यास हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता सीता मंदिर का शिलान्यास किया। इस दौरान उनके साथ सीएम नीतीश भी मौजूद रहे।

अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में जब श्रीराम मंदिर का उद्घाटन हुआ, तभी से इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ा था कि अब श्रीराम की अद्धांगिनी सीता माता के प्रकट-स्थल बिहार के सीतामढ़ी में भी अब जल्द ही भव्य मंदिर बनेगा। वह दिन आ गया है। अयोध्या में श्री राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को हुआ था। चार साल से भी कम समय में वहां भव्य मंदिर बन गया। अब सीतामढ़ी के पुनौरा धाम जानकी मंदिर का 8 अगस्त को भूमि पूजन और शिलान्यास हो गया है। 

11 महीनों में बनकर तैयार होगा भव्य मंदिर

यह वही पवित्र स्थान है जिसे माता सीता का जन्मस्थान माना जाता है। 882 करोड़ की लागत से 11 महीनों में यह भव्य धाम बनकर तैयार होगा। इस भव्य मंदिर परिसर को पर्यटन, श्रद्धा और सांस्कृतिक दृष्टि से देशभर में एक नई पहचान दिलाने का लक्ष्य है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने की योजना है। परियोजना का उद्देश्य इस धाम को अयोध्या की तर्ज पर विकसित करना है, ताकि यह न सिर्फ श्रद्धालुओं बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए भी प्रमुख धार्मिक केंद्र बन सके। 

विस्तृत धार्मिक नगरी के रूप में विकसित होगी सीतामढ़ी

माता सीता की जन्मस्थली पर अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तर्ज पर बनने वाला यह मंदिर परिसर न सिर्फ श्रद्धा का केंद्र बनेगा, बल्कि सीतामढ़ी शहर से भी विकसित और विस्तृत धार्मिक नगरी के रूप में उभरेगा। बिहार सरकार ने इसके लिए ₹882 करोड़ 87 लाख की योजना को स्वीकृति दी है। इस योजना के तहत मंदिर परिसर के समग्र विकास हेतु 50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत ₹165 करोड़ 57 लाख आंकी गई है। इस भूमि को मिलाकर अब पुनौरा धाम का कुल क्षेत्रफल 67 एकड़ हो जाएगा।

बिहार में धार्मिक पर्यटन को मिलेगी रफ्तार आज बिहार के लोगों की लंबे वक्त से चली आ रही मांग पूरी होने जा रही है। पुनौरा धाम पूर्ण रूप से तीर्थ स्थल के रूप में विकसित होने से बिहार में धार्मिक पर्यटन को गति मिलेगी और रोजगार के अवसर तेजी से बढेंगे।

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