ऑनलाइन गेमिंग पर सरकार ने लगाया ब्रेक : अब जुए-सट्टे पर फुल स्टॉप, ई-स्पोर्ट्स को मिली ग्रीन सिग्नल

KK Sagar
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संसद ने गुरुवार को ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी। लोकसभा द्वारा बुधवार को पारित किए जाने के बाद राज्यसभा ने भी इसे हंगामे के बीच बिना चर्चा ध्वनिमत से पारित कर दिया। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह विधेयक सदन में पेश किया।

ऑनलाइन मनी गेमिंग पर सख्त रोक

विधेयक का मुख्य उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देते हुए सभी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम्स, जुआ और सट्टेबाजी को प्रतिबंधित करना है। इसमें पोकर, रमी जैसे गेम, इनके विज्ञापन और वित्तीय लेनदेन को अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

सख्त दंड का प्रावधान

ऑनलाइन मनी गेम पेश करने या सुविधा देने पर तीन साल तक की कैद और/या एक करोड़ रुपये तक जुर्माना।

मनी गेम का विज्ञापन करने पर दो साल तक की कैद और/या 50 लाख रुपये जुर्माना।

वित्तीय लेनदेन बढ़ावा देने पर तीन साल की कैद और/या एक करोड़ रुपये जुर्माना।

बार-बार अपराध करने वालों के लिए पांच साल तक की कैद और दो करोड़ रुपये जुर्माना।

अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती घोषित किया गया है।

मंत्री का बयान

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ऑनलाइन मनी गेम समाज के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं। इससे कई परिवार बर्बाद हुए हैं और आत्महत्या जैसी घटनाएं हुई हैं। उन्होंने दावा किया कि मनी गेमिंग से धन शोधन और आतंकवाद का वित्तपोषण भी हो रहा है।

ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा

सरकार ने स्पष्ट किया कि वह ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक और सामाजिक खेलों को प्रोत्साहित करना चाहती है। इसके लिए एक प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी जो ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को नियंत्रित और विकसित करेगा।

विपक्ष का हंगामा

विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) मुद्दे पर सदन में जोरदार नारेबाजी की। हंगामे के कारण संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने प्रस्ताव दिया कि विधेयक को बिना बहस पारित कराया जाए, जिस पर उपसभापति हरिवंश ने सहमति दी।

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