हरतालिका तीज का महत्व
आज 26 अगस्त 2025, मंगलवार को देशभर में भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित हरतालिका तीज मनाई जा रही है।
यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव के दिव्य मिलन की याद में रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि यह व्रत रखने से महिलाओं को अखंड सुहाग, दांपत्य सुख और पति की लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है।
👉 इस व्रत को शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए करती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति की कामना से रखती हैं।
अशुभ योग का साया
हरतालिका तीज के दिन इस साल पंचांग के अनुसार 5 अशुभ योग भी बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इन योगों में कोई भी नया या शुभ कार्य प्रारंभ करना उचित नहीं है। हालांकि, देवी-देवताओं की पूजा और व्रत इससे प्रभावित नहीं होता।
आज का पंचांग और तिथि
📅 तारीख – 26 अगस्त 2025 (मंगलवार)
🌙 भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष, चतुर्थी तिथि
🕑 तिथि प्रारंभ – 25 अगस्त दोपहर 01:54 बजे से
🌙 तिथि समाप्त – 26 अगस्त देर रात तक
👉 तृतीया और चतुर्थी का संयोग होने से आज ही हरतालिका तीज का व्रत रखा जा रहा है।
शुभ मुहूर्त
प्रातः पूजन मुहूर्त – सुबह 5:56 मिनट से 8:31 मिनट तक (कुल 2 घंटे 35 मिनट)
प्रदोष काल पूजन मुहूर्त – शाम 6:49 मिनट से 7:11 मिनट तक
👉 शास्त्रों के अनुसार हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में करना विशेष फलदायी माना जाता है।
पूजा विधि और परंपरा
इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत का संकल्प लेती हैं।
सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और प्रायः लाल रंग के वस्त्र पहनती हैं।
पूजा स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी से मूर्तियां बनाकर प्रतिष्ठित की जाती हैं।
एक पात्र में पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और चीनी का मिश्रण) तैयार किया जाता है।
भगवान शिव को वस्त्र और बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं, जबकि माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं।
पूजा के बाद महिलाएं हरतालिका तीज की कथा सुनती और सुनाती हैं।
व्रतधारी महिलाएं रात भर जागरण करती हैं और अगली सुबह व्रत का समापन करती हैं।
धार्मिक मान्यता
मान्यता है कि माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इसलिए इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पति की आयु लंबी होती है।