बिहार की राजधानी पटना के सरकारी स्कूल में बुधवार को पांचवीं कक्षा की एक छात्रा ने खुद को आग लगा ली। जिससे वो बुरी तरह से झुलस गई थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अस्पताल में उसे भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने साजिश की आशंका जताई और स्कूल के बंद शौचालय में घटना होने पर सवाल उठाए हैं। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने जमकर तोड़फोड़ की। हालांकि, छात्रा की मौत के बाद कई सवाल अनसुलझे रह गए हैं।

बुधवार को गर्दनीबाग स्थित आमला टोला कन्या विद्यालय में पांचवीं कक्षा की 12 वर्ष की छात्रा जोया परवीन की स्कूल के बाथरूम में खुद को आग लगा ली थी। गंभीर हालत में उसे पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (पीएमसीएच) ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया।
घटना के विरोध में बवाल
घटना के बाद गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने स्कूल में तोड़फोड़ की और सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।घटना के बाद स्कूल का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया है। कुछ शिक्षक डर के मारे भाग गए हैं। जब भीड़ स्कूल पहुंची, तो वहां भारी तोड़फोड़ हुई। कुर्सियां-मेजें तोड़ दी गईं। जरूरी कागजात भी फाड़ दिए गए। घटना के बाद कई शिक्षक स्कूल के अंदर थे, जिन्हें बाहर नहीं आने दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर भी हमला किया जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। लोगों ने एसएचओ को थप्पड़ भी मारे।
परिजनों ने हत्या का लगाया आरोप
पुलिस ने जोया के पिता के बयान पर हत्या का मामला दर्ज किया है। जोया के परिवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी बेटी को केरोसिन डालकर जलाया गया। पिता ने पुलिस को बताया कि जोया उदास रहती थी, लेकिन उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वहीं, परिवार के लोगों का कहना है कि यह हादसा नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या थी।
क्या कहा पटना पुलिस ने
पटना सिटी एसपी (सेंट्रल) दीक्षा ने बताया कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि जोया को जलाने की घटना कैसे हुई। सभी से पूछताछ की जा रही है। स्कूल में सीसीटीवी कैमरे लगे थे, लेकिन अधिकतर बंद पाए गए हैं। असेंबली से लेकर शौचालय तक छात्रा की गतिविधि को ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है। आत्महत्या की वजह क्या है, इस बारे में भी पता लगाने के प्रयास जारी हैं। घटनास्थल से एफएसएल टीम ने साक्ष्य इकट्ठा किए हैं।