निरसा में कोयला माफियाओं पर करारी चोट : जंगल में छुपाकर रखा हुआ 109 टन अवैध कोयला जब्त

KK Sagar
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धनबाद : निरसा थाना क्षेत्र के देबियाना गांव के पीछे जंगल में मंगलवार की देर रात सीआइएसएफ व इसीएल सिक्युरिटी टीम ने संयुक्त छापेमारी कर 109 टन अवैध कोयला जब्त किया। छापेमारी की भनक मिलते ही कोयला चोर अंधेरे व जंगल का लाभ उठाकर मौके से फरार हो गए। जब्त कोयला को सीआइएसएफ ने कब्जे में लेकर इसीएल कोल-डिपो में जमा करवा दिया। बताया गया कि अवैध कोयला सीमेंट की बोरियों में भरकर पंचायत सचिवालय के पीछे खुले मैदान व झाड़ियों के बीच छिपा कर रखा गया था।

अवैध खदान और ओसीपी से निकल रहा कोयला

स्थानीय सूत्रों के अनुसार संगठित गिरोह द्वारा ग्रामीणों को किराये पर साइकिल और मोटरसाइकिल उपलब्ध कराए जाते हैं। इनकी मदद से चापापुर ओसीपी से बड़े पैमाने पर कोयला निकाला जा रहा है। ब्लास्टिंग के समय इसीएल की सिक्युरिटी टीम ग्रामीणों को खदान से हटाती है, लेकिन ब्लास्टिंग समाप्त होते ही सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष फिर से खदान में घुसकर कोयला लूट ले जाते हैं। यह गतिविधि कोलियरी में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हो चुकी है।

भट्ठे बंद होने से जमा हुआ कोयला

ग्रामीणों ने बताया कि निरसा क्षेत्र की कई खदानों से निकाले गए कोयले को शाम होते ही पिकअप और ट्रैक्टर से आसपास के भट्ठों तक पहुंचाया जाता है। लेकिन अचानक तीन दिन पहले सभी भट्ठे बंद कर दिए गए, जिसके कारण भारी मात्रा में कोयले का स्टॉक हो गया। यही कोयला बोरियों में भरकर छिपाकर रखा गया था।

कई जगहों पर अब भी स्टॉक

जानकारी के अनुसार कुसुमकनाली गांव, महताडीह आवासीय परिसर, कांटाबन और राजा कोलियरी के आसपास अभी भी कोयले का बड़ा स्टॉक मौजूद है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इसीएल की सुरक्षा टीम के कुछ सदस्य अवैध वसूली में शामिल हैं और सेटिंग नहीं होने पर पुलिस व सीआइएसएफ के सहयोग से छापेमारी करवाई जाती है। वहीं, कुसुमकनाली गांव, राजा ओसीपी और महताडीह के बंद क्वार्टरों में बड़ी मात्रा में कोयला मौजूद होने के बावजूद वहां कार्रवाई नहीं हो रही है।

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