ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति जाइर बोल्सोनारो को 27 साल की सजा : सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, संविधान के साथ खिलवाड़ पड़ा भारी

KK Sagar
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ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार, 11 सितंबर 2025 को देश के पूर्व राष्ट्रपति जाइर बोल्सोनारो को 27 साल 3 महीने की कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उन्हें 2022 के राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद सत्ता हथियाने की साजिश रचने का दोषी पाया। यह फैसला ब्राज़ील के इतिहास में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है।

अदालत में पेश किए गए सबूतों में यह साफ हुआ कि बोल्सोनारो और उनके करीबी सहयोगियों ने चुनाव परिणाम को पलटने के लिए योजनाएँ बनाई थीं। पुलिस जांच “ऑपरेशन टेम्पस वेरिटातिस” के दौरान कई दस्तावेज़ और बातचीत के रिकॉर्ड सामने आए। इनमें एक मसौदा प्रस्ताव भी मिला जिसमें चुनाव परिणाम रद्द करने और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम को कमजोर करने की बात कही गई थी।

इस साजिश का चरम 8 जनवरी 2023 को देखने को मिला, जब बोल्सोनारो समर्थकों ने ब्रासीलिया स्थित संसद, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट पर हिंसक हमला कर दिया। इस घटना ने पूरी दुनिया को हिला दिया और ब्राज़ील में लोकतंत्र के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में देखा गया।

सुप्रीम कोर्ट की पाँच जजों की पीठ में से चार ने बोल्सोनारो को दोषी ठहराया। अदालत ने माना कि उन्होंने लोकतांत्रिक शासन को हिंसक तरीके से समाप्त करने, सरकारी इमारतों और राष्ट्रीय धरोहर को नुकसान पहुँचाने और एक सशस्त्र आपराधिक संगठन में शामिल होने जैसे गंभीर अपराध किए। अदालत ने कहा कि संविधान किसी भी व्यक्ति से ऊपर नहीं है और इस तरह के अपराध को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

यह पहली बार है जब ब्राज़ील में किसी पूर्व राष्ट्रपति को तख्तापलट की साजिश के लिए इतनी लंबी कैद की सजा मिली है। फिलहाल बोल्सोनारो हाउस अरेस्ट में हैं और उनके वकील फैसले के खिलाफ अपील की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, उनके समर्थक इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना बता रहे हैं, जबकि लोकतंत्र समर्थक इसे न्याय और संविधान की जीत मान रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला न केवल ब्राज़ील बल्कि पूरी दुनिया के लोकतांत्रिक देशों के लिए एक बड़ा सबक है। यह संदेश स्पष्ट है कि लोकतंत्र और संविधान से खिलवाड़ करने वाला चाहे कितना भी ताकतवर क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता।

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