डिजिटल डेस्क/कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष को भाजपा नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करने से रोक दिया है। कोर्ट ने कुणाल घोष को अगले तीन महीने तक इस मामले में चुप रहने का आदेश दिया है। यह आदेश मिथुन चक्रवर्ती द्वारा दायर किए गए 100 करोड़ रुपये के मानहानि के मुकदमे के बाद आया है।
क्या है मामला?
अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने कुणाल घोष पर आरोप लगाया है कि उन्होंने राजनीतिक कारणों से उनके और उनके परिवार के बारे में झूठी और अपमानजनक बातें सार्वजनिक रूप से कहीं हैं। मिथुन के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि कुणाल के इन बयानों से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है, जिससे उन्हें अपनी फिल्मों और विज्ञापनों के काम में भी दिक्कतें आ रही हैं।
पिछली सुनवाई के दौरान, कुणाल घोष ने मिथुन पर चिटफंड घोटाले में शामिल होने और पार्टी बदलने को लेकर कई आरोप लगाए थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि मिथुन का बेटा दुष्कर्म के मामले में शामिल है और उनकी पत्नी भी वित्तीय लेनदेन में शामिल थीं। इन सभी आरोपों को मिथुन ने निराधार बताया है।
जस्टिस अरिंदम मुखर्जी की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कुणाल घोष को दिसंबर तक कोई भी टिप्पणी न करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई दिसंबर में होगी। इस बीच, कुणाल घोष ने कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह कोर्ट में इस मामले का सामना करेंगे।