डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने घाटशिला और मुसाबनी प्रखंड का दौरा कर ग्रामीण महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे स्वरोजगार केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से काष्ठ शिल्प (वुड कार्विंग) के काम से जुड़ी महिलाओं से बातचीत की और उनके प्रयासों की सराहना की।

हुनर को मिलेगी नई पहचान
उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। घाटशिला में पीपल ट्री संस्था और मुसाबनी के तेरेंगा गांव में मां गायत्री महिला समिति द्वारा चलाए जा रहे केंद्रों का मुआयना करने के बाद उन्होंने इन महिलाओं के काम की तारीफ की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनके हुनर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए हर संभव मदद दी जाएगी। इसमें बेहतर प्रशिक्षण, डिज़ाइन अपग्रेडेशन, आधुनिक उपकरण और मार्केटिंग की सुविधा शामिल है।

सिलाई सेंटर ‘सखी डोर’ से मिली उम्मीद
उपायुक्त ने घाटशिला में रूर्बन मिशन के तहत चलाए जा रहे ‘सखी डोर’ सिलाई सेंटर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सिलाई सीख रही महिलाओं से बात की और उन्हें गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे केंद्र महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ समाज में उनकी पहचान भी बढ़ा रहे हैं। उन्होंने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे अपने हुनर को व्यवसाय में बदलें और मिलकर बड़े स्तर पर रोज़गार के अवसर पैदा करें।
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
उपायुक्त ने ग्रामीण महिलाओं के जुनून और लगन की सराहना करते हुए कहा कि वे न सिर्फ अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मज़बूत कर रही हैं, बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं। उनके ये प्रयास ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘लखपति दीदी’ जैसे सरकारी लक्ष्यों को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इन महिलाओं को हर संभव मदद देगा, ताकि वे स्वरोजगार स्थापित कर दूसरों के लिए भी रोज़गार के रास्ते खोल सकें।
महिलाओं ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रशासन की मदद और प्रशिक्षण से उन्हें एक नया आत्मविश्वास मिला है। अब वे घर की चारदीवारी से निकलकर अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल कर रही हैं और अपनी पहचान बना रही हैं।