डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर: लौहनगरी जमशेदपुर में दुर्गा पूजा का उल्लास अपने चरम पर है। शहर के कोने-कोने में बने भव्य और कलात्मक पूजा पंडाल श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। इस साल, पंडालों की थीम में धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक विरासत और अनोखी कारीगरी का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।

इस बार के मुख्य आकर्षण और अनोखी थीम
पंडाल का नाम मुख्य थीम/आकर्षण विवरण
सिदगोड़ा दुर्गा व काली पूजा समिति ‘चार धाम’ (पर्वत पर) एक ही स्थान पर केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम का अलौकिक दृश्य।
सोनारी वेस्ट (तारुण संघ) तिरुपति बालाजी मंदिर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध बालाजी मंदिर की 80 फीट ऊंची भव्य प्रतिकृति।
काशीडीह (ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह क्लब) राधा-कृष्ण का दिव्य प्रेम एवं राजस्थानी संस्कृति तीन-परतीय संरचना में राधा-कृष्ण लीला और राजस्थान की विरासत का इको-फ्रेंडली चित्रण।
आदित्यपुर (जयराम यूथ स्पोर्टिंग क्लब) उदयपुर पैलेस राजस्थानी महल की झलक, भव्य लाइटिंग और कलात्मक कारीगरी।
रेलवे कॉलोनी, गोल पहाड़ी केरल की संस्कृति दक्षिण भारत के केरल की पारंपरिक कला और संस्कृति पर आधारित पंडाल।

टेल्को (पूर्वांचल पूजा कमिटी) आधुनिक थीम और भव्य लाइटिंग टेल्को के पंडाल अपनी विशालता और रोशनी की सजावट के लिए हर साल विशेष रूप से प्रसिद्ध होते हैं। इस पूजा पंडाल को नेपाल के मंदिर की तरह तैयार किया गया है। वहीं टेल्को फूड प्लाजा में भी एस्ट्रक्सच पंडाल लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।

बारीगोड़ा (श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा कमिटी) पारंपरिक व कलात्मक प्रस्तुति बारीगोड़ा का पंडाल अपनी कलात्मकता और पारंपरिक मूर्तिकला के लिए जाना जाता है, जो स्थानीय कारीगरी को प्रदर्शित करता है। कमिटी के सदस्य तनय कुमार ओझा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार प्रशासनिक भवन की थीम पर इस पंडाल को तैयार किया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए भी तीन निकासी द्वार के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए है।

कारीगरी और भव्यता का पैमाना
अधिकांश पंडालों के निर्माण के लिए पश्चिम बंगाल के जाने-माने कारीगरों ने महीनों तक काम किया है। इन भव्य संरचनाओं की ऊंचाई 55 फीट से लेकर 80 फीट तक है, और कई पूजा समितियों का बजट लाखों रुपये में है। यह भारी-भरकम लागत और अथक परिश्रम इस उत्सव के प्रति शहर की अगाध श्रद्धा को दर्शाता है। माँ दुर्गा की प्रतिमाएं भी पारंपरिक डाकेर साज और विभिन्न क्षेत्रीय शैलियों में तैयार की गई हैं, जो देखने में बेहद मनमोहक हैं।
सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम
पूजा के दौरान उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए, जिला प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात के पुख्ता इंतजाम किए हैं। शहर के उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने स्वयं विधि-व्यवस्था की समीक्षा बैठक कर सभी दंडाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने और अपने निर्धारित स्थलों पर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। ट्रैफिक रूट डायवर्जन, बैरिकेडिंग और पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की गई है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के मां का दर्शन कर सकें। यह उत्सव जमशेदपुर के लोगों को भक्ति, कला और सामुदायिक सद्भाव के एक सूत्र में पिरो रहा है।