प्रेस वार्ता में पुलिस का खुलासा
जामताड़ा जिले में एक संगठित ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। सोमवार को सदर थाना परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक राजकुमार मेहता ने बताया कि आरोपियों ने घर दिलाने के नाम पर सेवानिवृत्त कर्मचारी सुरेश रवानी से करीब 89 लाख रुपये ठग लिए।
इस तरह दी गई ठगी को अंजाम
एसपी ने बताया कि यह ठगी जामताड़ा स्टेशन रोड स्थित कोलकाता निवासी समीर सरकार के बंद पड़े मकान को अपना बताकर की गई। सुरेश रवानी के पुत्र मुकेश रवानी की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो पूरा मामला सामने आया।
मास्टरमाइंड और गिरोह के सदस्य
जांच में पाया गया कि शहर के घनश्याम महतो और उसका बेटा विक्रम महतो इस गिरोह के मास्टरमाइंड हैं। इन्हें सहयोग देने वालों में टुंपा सर्खेल, पंचानंद दास, परिमल कुमार बावरी और जिसु सरकार शामिल हैं।
बैंक खातों में इस तरह बांटे गए रुपये
पुलिस जांच से पता चला कि ठगे गए पैसों में से 84 लाख रुपये टुंपा सर्खेल के बैंक खाते में भेजे गए। इसके बाद 27 लाख रुपये घनश्याम महतो, 15.75 लाख रुपये पंचानंद दास और 5.60 लाख रुपये विक्रम महतो के खातों में ट्रांसफर किए गए। इसी तरह बाकी आरोपियों को भी हिस्सा मिला।
असली मकान मालिक की गैरमौजूदगी बनी ठगी का आधार
एसपी मेहता ने बताया कि असली मकान मालिक जामताड़ा में नहीं रहते थे और आरोपियों ने इसी का फायदा उठाकर ठगी की। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को बिना चेहरा ढके मीडिया के सामने पेश किया गया।
पुलिस की अपील
पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी तरह की संपत्ति खरीद-फरोख्त से पहले पूरी जांच-पड़ताल करने की अपील की।
मौके पर रहे अधिकारी
इस दौरान एसडीपीओ विकास आनंद लांगुरी और थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह भी मौजूद थे।