Bihar: महागठबंधन ने दिया 3 उप-मुख्यमंत्री पद का फॉर्मूला, आरजेडी-वीआईपी और कांग्रेस से एक-एक डिप्टी सीएम

Neelam
By Neelam
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बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद दोनों प्रमुख गठबंधनों में सीट शेयरिंग पर बात पक्की नहीं हो पा रही है। सीटों को लेकर खींचतान चल रही है और दोनों गठबंधनों में शामिल बड़े दलों के साथ साथ छोटे दलों की महत्वाकांक्षाएं और ज्यादा सीटें हासिल करने की होड़ से सियासत गरमाई हुई है। इस बीच विपक्ष का महागठबंधन में सीट बंटवारे पर महत्वपूर्ण रणनीति पेश की है। सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही महागठबंधन सरकार में तीन डिप्टी सीएम का फॉर्मूला भी पेश किया है, जिसमें एक आरजेडी से, एक कांग्रेस से और एक वीआईपी से डिप्टी सीएम का नाम प्रस्तावित है।

दलित-मुस्लिम और ईबीसी से होंगे तीनों चेहरे

विपक्षी महागठबंधन बिहार विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के समझौते को अंतिम रूप देने के करीब है। गठबंधन के वरिष्ठ राजद और कांग्रेस नेताओं की ओर से खुलासा किया कि यदि वे सत्ता में आते हैं, तो वे तीन उप-मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति पर विचार कर रहे हैं। इन उप-मुख्यमंत्रियों में एक दलित, एक मुस्लिम और एक अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) से होगा। महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद का चेहरा राजद के नेता तेजस्वी यादव ही रहेंगे।

उप-मुख्यमंत्री का फ़ॉर्मूला जाति संतुलन का प्रयास

राजद का कहना है कि, महागठबंधन के इस फ़ॉर्मूले से इस बात का स्पष्ट संकेत है कि तेजस्वी यादव गठबंधन के निर्विवाद मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में उभरे हैं। यह लालू की विरासत को नया रूप देने का लालू का मास्टरस्ट्रोक है।  कांग्रेस के प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा कि प्रस्तावित तीन उप-मुख्यमंत्री का फ़ॉर्मूला राहुल गांधी के सभी जातियों और वर्णों को संतुलित करने का प्रयास है। वीआईपी प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि यह फ़ॉर्मूला तेजस्वी यादव की दूरदर्शिता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “गुरुवार शाम तक, तेजस्वी जी को गठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया जाएगा और उनके एक उप-मुख्यमंत्री हमारे नेता मुकेश सहनी होंगे।

सीट बंटवारे का संभावित फॉर्मूला भी तय

महागठबंधन में सीट बंटवारे का संभावित फॉर्मूला भी लगभग तय हो चुका है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि सीट बंटवारे का फॉर्मूला अंतिम चरण में है। ऐसी संभावना है कि राजद लगभग 125 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जो 2020 में लड़ी गई 143 सीटों से 19 कम है। जबकि कांग्रेस: 50-55 सीटें और वाम दल लगभग 25 सीटें पर चुनाव लड़ेगी। बाकी सीटें वीआईपी, रालोजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसे अन्य सहयोगियों के बीच बांटी जाएंगी।

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