कोल्ड्रिफ कफ सिरप कांड: 20 मासूमों की मौत के बाद श्रीसन फार्मा पर ईडी का शिकंजा, 7 ठिकानों पर मारा छापा

KK Sagar
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चेन्नई: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत श्रीसन फार्मा और तमिलनाडु ड्रग नियंत्रण विभाग के शीर्ष अधिकारियों से जुड़े सात ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप मामले से जुड़ी है, जिसके कारण मध्य प्रदेश में 20 से अधिक बच्चों की किडनी फेल होने से दर्दनाक मौत हो गई थी।

ईडी अधिकारियों के अनुसार, छापे तमिलनाडु के वरिष्ठ ड्रग नियंत्रण अधिकारियों के आवासों और जहरीले सिरप की निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मा से संबंधित परिसरों में एक साथ मारे गए। यह वही सिरप है जिसे हल्की खांसी और बुखार के इलाज के लिए बच्चों को दिया गया था, लेकिन उसमें पाए गए घातक रसायन ने मासूमों की जान ले ली।

घातक रसायन से बच्चों की मौत
जांच में सामने आया कि कोल्ड्रिफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) नामक विषैला रसायन पाया गया, जो आमतौर पर एंटीफ्रीज में इस्तेमाल होता है। यही रसायन बच्चों की किडनी फेल होने की मुख्य वजह बना।

नियामक तंत्र की पोल खुली
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की जांच में श्रीसन फार्मा और तमिलनाडु खाद्य एवं औषधि प्रशासन (TNFDA) दोनों की ओर से गंभीर लापरवाही और नियमों के उल्लंघन सामने आए हैं। खराब बुनियादी ढांचे और बार-बार सुरक्षा नियम तोड़ने के बावजूद, कंपनी को 2011 से अब तक लाइसेंस रद्द नहीं किया गया था।

इस दर्दनाक घटना ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है और दवा उद्योग में नियामक निगरानी व गुणवत्ता नियंत्रण की भारी खामियों को उजागर किया है। ईडी की कार्रवाई से उम्मीद है कि दोषियों पर सख्त कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।

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