मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और मशहूर कॉमेडियन असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे। दिवाली के दिन यानी सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को उन्होंने अंतिम सांस ली। 84 वर्षीय असरानी पिछले कई दिनों से मुंबई के आरोग्य निधि अस्पताल में फेफड़ों की समस्या के चलते भर्ती थे। इलाज के दौरान ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
असरानी जिनका पूरा नाम गोवर्धन असरानी था, ने हिंदी सिनेमा में पांच दशकों से अधिक का लंबा और शानदार सफर तय किया। उन्होंने सैकड़ों फिल्मों में अपनी हास्य प्रतिभा और अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी।
🕊️ परिवार की इच्छा पर चुपचाप हुआ अंतिम संस्कार
असरानी के निधन के बाद उनके परिवार ने बेहद सादगी से सांताक्रूज वेस्ट के शास्त्री नगर शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया। उनके मैनेजर बाबुभाई थीबा ने बताया कि परिवार ने असरानी की आखिरी इच्छा का सम्मान किया — असरानी नहीं चाहते थे कि उनके निधन के बाद किसी तरह का शोर-शराबा हो या कोई भीड़ जुटे। इसलिए दिवाली की रात ही चुपचाप उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
🎬 ‘हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं’ — हमेशा याद रहेगा असरानी का अंदाज़
साल 1975 की सुपरहिट फिल्म ‘शोले’ में असरानी का जेलर वाला किरदार आज भी लोगों की ज़ुबान पर है। उनका मशहूर डायलॉग —
“हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं…”
ने उन्हें अमर बना दिया।
इस एक किरदार ने असरानी को भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक अलग पहचान दी।
🌟 राजस्थान से मुंबई तक की असरानी की यात्रा
1 जनवरी 1941 को जयपुर में जन्मे असरानी ने अपनी स्कूली पढ़ाई सेंट जेवियर्स स्कूल, जयपुर से पूरी की और फिर राजस्थान कॉलेज से ग्रैजुएशन किया।
फिल्मी सफर की शुरुआत उन्होंने 1967 में ‘हरे कांच की चूड़ियां’ से की थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 50 से ज्यादा साल तक फिल्मों, टीवी और थिएटर की दुनिया में सक्रिय रहे।
💑 परिवार में छोड़ गए पत्नी और बेटा
असरानी ने 1973 में मंजू बंसल से शादी की थी। उनका एक बेटा नवीन असरानी है, जो अहमदाबाद में डेंटिस्ट हैं। असरानी के पिता जयपुर में कालीनों की दुकान चलाते थे।
😢 फिल्मी दुनिया में शोक की लहर
असरानी के निधन की खबर से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। कई सितारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
अमिताभ बच्चन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —
“असरानी जी सिर्फ कॉमेडी नहीं, एक भावना थे। उनका हर किरदार हमारे चेहरे पर मुस्कान छोड़ गया। आज सिनेमा का एक उजाला बुझ गया।”
🙏 विदा असरानी जी, आपकी हंसी अमर रहेगी
असरानी ने हंसना सिखाया, और अब वही हंसी आंखों में आंसू बन गई है।
उनका जाना एक युग का अंत है —
पर उनकी अदाकारी, उनकी आवाज़ और उनका हंसी से भरा अंदाज़ हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा।

