भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) अगले हफ्ते देशभर में वोटर लिस्ट का पहला स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) शुरू करने जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत 10 से 15 राज्यों से होगी, जिनमें अगले साल विधानसभा चुनाव वाले राज्य भी शामिल हैं।
🗓️ अगले हफ्ते शुरू होगा SIR का पहला चरण
अधिकारियों के मुताबिक, SIR के पहले फेज की घोषणा अगले हफ्ते के मध्य में की जा सकती है। शुरुआत उन राज्यों से होगी, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं — इनमें असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य प्रमुख हैं।
चुनाव आयोग का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना और उसमें से डुप्लीकेट व गैर-कानूनी नामों को हटाना है।
🗂️ लोकल बॉडी चुनाव वाले राज्यों में नहीं होगा फिलहाल रिवीजन
अधिकारियों ने बताया कि जिन राज्यों में इस समय स्थानीय निकाय (लोकल बॉडी) के चुनाव हो रहे हैं या होने वाले हैं, वहां पर अभी SIR नहीं किया जाएगा।
ऐसा इसलिए क्योंकि स्थानीय स्तर की पोलिंग मशीनरी (polling machinery) इस समय चुनावी कार्यों में व्यस्त है और वह एक साथ रिवीजन कार्य पर ध्यान नहीं दे पाएगी।
इन राज्यों में SIR बाद के चरणों में किया जाएगा।
📋 बिहार बना उदाहरण — पूरी हुई मतदाता सूची की सफाई
बिहार में मतदाता सूची की सफाई का काम पहले ही पूरा हो चुका है।
राज्य में 30 सितंबर को करीब 7.42 करोड़ मतदाताओं वाली फाइनल वोटर लिस्ट प्रकाशित की गई थी।
बिहार में दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि गिनती (काउंटिंग) 14 नवंबर को होगी।
🏛️ दो कॉन्फ्रेंस में तैयार हुआ रोडमैप
चुनाव आयोग ने SIR के रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) के साथ दो बड़ी कॉन्फ्रेंस की हैं।
कई राज्यों ने अपनी पिछली SIR के बाद तैयार की गई वोटर लिस्ट अपनी वेबसाइटों पर अपलोड कर दी है।
दिल्ली के CEO की वेबसाइट पर 2008 की वोटर लिस्ट, और उत्तराखंड की वेबसाइट पर 2006 की सूची मौजूद है। ये सूचियां राज्यों में हुए आखिरी बड़े पैमाने पर मतदाता रिवीजन की स्थिति को दर्शाती हैं।
📊 पिछली SIR बनेगी नई लिस्ट का आधार
राज्यों में आखिरी बार हुई SIR की सूची को ही नए संशोधन की कट-ऑफ डेट के रूप में माना जाएगा।
बिहार की 2003 की मतदाता सूची का उपयोग भी EC ने बड़े पैमाने पर संशोधन के लिए इसी तरह किया था।
ज्यादातर राज्यों में पिछली SIR 2002 से 2004 के बीच हुई थी।
🚨 विदेशी नागरिकों के नाम हटाने पर भी फोकस
SIR का एक प्रमुख उद्देश्य मतदाता सूची से विदेशी गैर-कानूनी प्रवासियों (illegal migrants) के नामों को हटाना है।
इस प्रक्रिया के तहत जन्मस्थान और नागरिकता की जांच की जाएगी।
यह कदम खासकर बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा से जुड़े राज्यों में बेहद अहम माना जा रहा है, जहां विदेशी घुसपैठ का मुद्दा लंबे समय से चिंता का विषय बना हुआ है।

