चुनाव में AI के दुरुपयोग पर आयोग की सख़्ती: पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी

Manju
By Manju
2 Min Read

डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावों के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा उत्पन्न की गई सामग्री के ज़िम्मेदार उपयोग और उसके प्रकटीकरण को लेकर महत्त्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह कदम AI-जनित सामग्री के संभावित दुरुपयोग को रोकने और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।

प्रमुख निर्देश और अनिवार्य नियम
मतदान की तारीख (11 नवंबर 2025) से पहले, प्रचार में इस्तेमाल होने वाली AI-जनित सामग्री को लेकर सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और संबंधित संस्थाओं के लिए निम्नलिखित नियम तत्काल प्रभाव से लागू होंगे

पहचान का प्रकटीकरण अनिवार्य:

प्रचार में उपयोग की जाने वाली किसी भी AI-जनित या डिजिटल रूप से परिवर्तित तस्वीर, ऑडियो या वीडियो पर स्पष्ट रूप से “AI-Generated” या “Synthetic Content” लिखा होना चाहिए।

दृश्य सामग्री: यह घोषणा सामग्री के कम से कम 10% हिस्से में स्पष्ट रूप से दिखाई देनी चाहिए।

ऑडियो सामग्री: यह घोषणा ऑडियो के शुरुआती 10% हिस्से में बोली जानी चाहिए।

निर्माता का विवरण आवश्यक:

ऐसी सभी सामग्री में उसके निर्माता या जिम्मेदार इकाई का नाम बताना भी अनिवार्य होगा।

भ्रामक सामग्री पर पूर्ण प्रतिबंध:

कोई भी सामग्री जो किसी व्यक्ति की पहचान, आवाज़ या रूप को भ्रामक तरीके से पेश करती है, उसे प्रकाशित या साझा करना पूर्णतः वर्जित है।

आपत्तिजनक कंटेंट हटाने की समय-सीमा:

यदि किसी आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर कोई आपत्तिजनक या नियम-उल्लंघनकारी सामग्री पाई जाती है, तो उसे 3 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य होगा।

राजनीतिक दलों के लिए रिकॉर्ड का रखरखाव:

सभी राजनीतिक दलों को AI-जनित सामग्रियों का रिकॉर्ड सुरक्षित रखना होगा। इस रिकॉर्ड में निर्माता विवरण और टाइम स्टैम्प शामिल होने चाहिए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर सत्यापन (verification) किया जा सके।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी संबंधित पक्षों से इन दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया है, ताकि आगामी पोल डे (11 नवंबर 2025) पर होने वाले चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जा सके।

Share This Article