गुरुवार को जस्टिस सूर्यकांत को देश का 53वां मुख्य न्यायाधीश (CJI) नियुक्त किया गया है। कानून मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर 2025 को शपथ लेंगे। वे वर्तमान मुख्य न्यायाधीश भूषण आर. गवई की जगह लेंगे, जो 23 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
🔹 कानून मंत्री ने दी बधाई
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में जानकारी दी कि “भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत को 24 नवंबर 2025 से देश का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। मैं उन्हें हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।”
🔹 कार्यकाल और सेवानिवृत्ति
जस्टिस सूर्यकांत लगभग 15 महीने तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे और 9 फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष निर्धारित है। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण संवैधानिक और जनहित के मामलों की सुनवाई होने की संभावना है।
🔹 उल्लेखनीय फैसलों में निभाई अहम भूमिका
जस्टिस सूर्यकांत अब तक कई ऐतिहासिक मामलों और फैसलों का हिस्सा रह चुके हैं। वे जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले, बिहार मतदाता सूची संशोधन, भ्रष्टाचार विरोधी याचिकाओं, और लैंगिक समानता से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
🔹 विनम्र पृष्ठभूमि से देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक
हरियाणा के हिसार जिले में 10 फरवरी 1962 को जन्मे जस्टिस सूर्यकांत एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की और इस परीक्षा में ‘प्रथम श्रेणी में प्रथम’ स्थान हासिल किया। एक छोटे शहर के वकील से देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचने तक का उनका सफर कड़ी मेहनत और ईमानदारी का उदाहरण है।
🔹 न्यायिक करियर की उपलब्धियाँ
अपने करियर की शुरुआत एक वकील के रूप में करने वाले जस्टिस सूर्यकांत ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कई उल्लेखनीय फैसले लिखे। बाद में उन्हें 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके बाद 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, नागरिक अधिकारों, और संविधान के संरक्षण से जुड़े मामलों में भी अहम योगदान दिया।
🔹 वर्तमान में महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों की सुनवाई
वर्तमान में जस्टिस सूर्यकांत उस सुप्रीम कोर्ट पीठ के सदस्य हैं जो राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों से संबंधित संवैधानिक मुद्दों पर सुनवाई कर रही है। यह मामला उन स्थितियों से जुड़ा है जिनमें राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर राष्ट्रपति या राज्यपाल की भूमिका और अधिकार तय किए जाते हैं।


 
			 
			 
                                 
                             