भारत एकता के शिल्पकार लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती : जानिए कैसे रचा उन्होंने अखंड भारत का इतिहास

KK Sagar
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🔹 आजादी के बाद भारत के एकीकरण के नायक को राष्ट्र ने किया नमन

नई दिल्ली। देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सारदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर पूरे देश में श्रद्धांजलि और सम्मान समारोहों का आयोजन किया गया। भारत के “लौह पुरुष” के नाम से विख्यात पटेल ने 550 से अधिक रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत की नींव रखी। प्रधानमंत्री से लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों तक, सभी नेताओं ने उन्हें “राष्ट्र एकता और प्रशासनिक दृढ़ता का प्रतीक” बताया।


🔹 स्वतंत्र भारत के ‘आर्किटेक्ट ऑफ यूनिटी’

31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में जन्मे सारदार पटेल ने भारत की आज़ादी के बाद राज्यों के विलय (Unification of Princely States) में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। जब देश आज़ाद हुआ तो भारत 550 से अधिक रियासतों में बंटा हुआ था। पटेल ने अपनी कूटनीति, धैर्य और दृढ़ता से रियासतों को भारत संघ में शामिल किया — बिना किसी बड़े संघर्ष के।
उनकी यही क्षमता उन्हें “आर्किटेक्ट ऑफ यूनाइटेड इंडिया” (Architect of United India) बनाती है।


🔹 ‘स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया’: प्रशासन की रीढ़ बनाए सिविल सर्विसेज

सारदार पटेल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की स्थापना में भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने सिविल सेवाओं को भारत की “स्टील फ्रेम” कहा था — जो देश को एक सूत्र में बांधे रखेगा। आज भी उनके प्रशासनिक विचार भारत की शासन व्यवस्था की नींव हैं।
उन्होंने कहा था —

“भारत की एकता केवल संविधान से नहीं, बल्कि मजबूत प्रशासन और ईमानदार अफसरशाही से बनी रहेगी।”


🔹 ‘सारदार@150’ अभियान से जुड़ रही युवा पीढ़ी

भारत सरकार ने उनकी 150वीं जयंती पर ‘Sardar@150 – Unity March’ नामक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम में 6 अक्टूबर से 6 दिसंबर तक युवा संवाद, पदयात्रा, प्रतियोगिताएं और जन अभियानों का आयोजन किया जा रहा है।
इसके तहत स्कूलों और कॉलेजों में निबंध, पोस्टर निर्माण, स्ट्रीट प्ले और डिजिटल चैलेंज जैसे आयोजन किए जा रहे हैं ताकि युवा पीढ़ी पटेल के योगदान को समझ सके।


🔹 सरदार पटेल और राष्ट्रीय एकता दिवस

31 अक्टूबर को हर वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष जयंती के अवसर पर दिल्ली, गांधीनगर और एकता नगर (गुजरात) में विशेष समारोह आयोजित किए गए।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, को फूलों से सजाया गया। प्रधानमंत्री ने वहां पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा —

“पटेल ने भारत की विविधता को एक सूत्र में पिरोया, आज हमें उसी भावना को आगे बढ़ाना है।”


🔹 आज के भारत के लिए पटेल की सोच प्रासंगिक

सारदार पटेल की सोच आज भी भारत की एकता और प्रशासनिक नीति में उतनी ही प्रासंगिक है जितनी स्वतंत्रता के समय थी। उन्होंने संविधान, संघीय ढांचे और प्रशासनिक ईमानदारी के माध्यम से एक ऐसा भारत गढ़ा जो मजबूत, आधुनिक और लोकतांत्रिक है।
उनका संदेश था —

“राष्ट्रीय एकता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, और इस पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए।”

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