नई दिल्ली | ब्यूरो रिपोर्ट — सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को चुनाव में अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने इस याचिका को “न्यायालय का समय बर्बाद करने वाली याचिका” बताते हुए इसे सुनवाई योग्य नहीं माना।
📜 क्या था मामला?
हैदराबाद के एक निवासी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह आरोप लगाया था कि सम्राट चौधरी ने चुनाव के दौरान दायर हलफनामों में गलत जन्मतिथि और उम्र का उल्लेख किया।
याचिकाकर्ता का कहना था कि अलग-अलग चुनावों में दाखिल किए गए हलफनामों में उनकी जन्मतिथि में भिन्नता है, जिससे उम्मीदवार की योग्यता पर सवाल उठता है।
⚖️ सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा —
“ऐसी याचिकाएं न्यायालय का कीमती समय बर्बाद करती हैं। जब तक कोई ठोस कानूनी आधार न हो, ऐसे मामलों को अदालत में नहीं लाया जाना चाहिए।”
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चुनावी हलफनामों में मामूली त्रुटियाँ या असंगतियाँ स्वतः अयोग्यता का आधार नहीं होतीं, जब तक कि उनके पीछे किसी धोखाधड़ी या गलत नीयत का सबूत न हो।
🔍 कोर्ट का फैसला
अदालत ने याचिका को पूरी तरह खारिज कर दिया।
किसी भी प्रकार की जांच या कार्रवाई के आदेश देने से भी इंकार किया।
साथ ही याचिकाकर्ता को भविष्य में इस तरह की “फ्रिवोलस” (तुच्छ) याचिकाएँ दाखिल न करने की सलाह दी।

