घोटाले के ‘मास्टरमाइंड’ पार्थ चटर्जी की जेल से छुट्टी, आठ गवाहों की गवाही ने खोला रास्ता

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क/कोलकाता: पश्चिम बंगाल के सनसनीखेज शिक्षक भर्ती घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जेल से रिहाई का रास्ता आखिरकार साफ हो गया है। कोलकाता की विशेष अदालत में आठ अहम गवाहों की गवाही पूरी होने के बाद जमानत की प्रक्रिया शुरू हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में ही जमानत दे दी थी, लेकिन शर्त थी कि ट्रायल कोर्ट में गवाहों के बयान पूरे होने चाहिए। अब यह शर्त पूरी हो चुकी है, और चटर्जी की रिहाई बस औपचारिकता भर रह गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को साफ कहा था कि सीबीआई जांच वाले इस मामले में पार्थ चटर्जी को जमानत मिलेगी, लेकिन रिहाई तभी जब महत्वपूर्ण गवाहों की परीक्षा हो जाए। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी कि तीन साल से ज्यादा जेल में रहने के बाद निरंतर हिरासत अन्याय होगी। चटर्जी के वकीलों ने अदालत में जोर दिया कि गवाहों का काम खत्म हो चुका है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक रिहाई तुरंत होनी चाहिए। बेल बांड पास होते ही चटर्जी बाहर आएंगे।

इस वक्त चटर्जी अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है। जैसे ही कागजी कार्रवाई पूरी होगी, वे जमानत पर रिहा हो जाएंगे। सीबीआई केस में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के शिक्षकों व ग्रुप ‘सी’ कर्मचारियों की भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप हैं। घोटाला तब खुला जब उम्मीदवारों ने एसएससी पर पैसे लेकर नौकरी देने का इल्ज़ाम लगाया। चटर्जी के साथ एसएससी के पूर्व चेयरमैन सुबीर भट्टाचार्य और एसपी सिन्हा भी आरोपी हैं। अदालत ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत चार हफ्ते में आरोप तय करने और दो महीने में गवाहों के बयान लेने का आदेश दिया था। जुलाई 2022 में ईडी ने गिरफ्तार किया, अक्टूबर 2024 में सीबीआई ने हिरासत ली। ईडी के बाकी मामलों में जमानत पहले ही मिल चुकी है। यह घोटाला तृणमूल कांग्रेस के लिए बड़ा सियासी झटका रहा है।

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