धनबाद : हीरापुर के वैज्ञानिक डॉ. तापस चटर्जी की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि — रूस से प्रकाशित हुई नई शोध पुस्तक

KK Sagar
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धनबाद के हीरापुर निवासी प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. तापस चटर्जी (Ph.D., D.Sc.) ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक जगत में भारत और धनबाद का नाम रोशन किया है। उनकी नवीनतम शोध पुस्तक (Monograph) “Ciliates Inhabiting Isopoda: Epibiont-Basibiont Relations” रूस से प्रकाशित हुई है। यह पुस्तक A.O. Kovalevsky Institute of Biology of the Southern Seas of the Russian Academy of Sciences (वोरोनिश: IE Kopiltsov) द्वारा प्रकाशित की गई है।

इस पुस्तक के सह-लेखक हैं —

डॉ. इगोर डोवगल, A.O. Kovalevsky Institute of Biology of the Southern Seas, सेवास्तोपोल, रूस,

तथा डॉ. आंद्रेज ज़वाल, पर्यावरण पारिस्थितिकी विभाग, समुद्री एवं पर्यावरण विज्ञान संस्थान, आणविक जीवविज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी केंद्र, स्ज़ेसिन विश्वविद्यालय, पोलैंड।

यह शोध पुस्तक समुद्री, मीठे पानी और स्थलीय बेसिबियोन्ट आइसोपोड्स के साथ सिलिअट एपिबायंट प्रजातियों के पारस्परिक संबंधों पर केंद्रित है। अध्ययन में कुल 99 आइसोपोड प्रजातियों पर पाई गईं 200 से अधिक सिलिअट प्रजातियों का विश्लेषण किया गया है। इसमें एपिबायंट सिलिअट्स और बेसिबियोन्ट आइसोपोड्स के बीच विकासवादी संबंध, पारस्परिक अनुकूलन और सहजीवी प्रकृति पर गहन चर्चा की गई है। साथ ही, बेसिबियोन्ट्स के मोल्टिंग (Molting) चक्र और सिलिअट्स के जीवनचक्र के समन्वय द्वारा मोल्टिंग मेज़बानों पर एपिबायोसिस के लिए सिलिअट अनुकूलन का भी विश्लेषण किया गया है।

डॉ. तापस चटर्जी समुद्री माइट्स और सिलिअट एपिबायोंट्स पर अपने वर्गीकरण संबंधी शोध कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात हैं। अब तक उन्होंने 190 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं तथा 140 नई प्रजातियों और 4 नए वंशों की खोज की है।

इससे पूर्व भी डॉ. चटर्जी दो महत्वपूर्ण शोध पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं —

  1. Indian Cladoceran Checklist
  2. Cumaceans of the Mesophotic Zone of the Caribbean Sea
    दोनों ही प्रतिष्ठित Zootaxa जर्नल में प्रकाशित हुई थीं।

उनकी यह नई शोध पुस्तक वर्षों के समर्पण, गहन अध्ययन और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग का परिणाम है। भारत, रूस और पोलैंड के वैज्ञानिकों का यह संयुक्त प्रयास वैज्ञानिक एकता और वैश्विक सहयोग की भावना को सुंदर रूप से प्रदर्शित करता है।

धनबाद के लिए यह क्षण गर्व का है — डॉ. तापस चटर्जी की यह उपलब्धि न केवल शहर बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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