कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम: जमशेदपुर उपायुक्त ने दिए सख्त निर्देश

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर: जिले में कन्या भ्रूण हत्या रोकने और लिंगानुपात को संतुलित बनाए रखने के उद्देश्य से उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभागार में पी.सी-पी.एन.डी.टी एक्ट (गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम) की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, एसीएमओ डॉ. जोगेश्वर प्रसाद, डीआरसीएचओ डॉ. रंजीत पांडा सहित अन्य संबंधित अधिकारियों और समिति सदस्यों ने भाग लिया।

अल्ट्रासाउंड केंद्रों के लिए कड़े निर्देश
उपायुक्त सत्यार्थी ने एक्ट का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि लिंग चयन की गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगाई जाए और इसमें लिप्त पाए जाने वाले संस्थानों या कर्मियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों का नियमित निरीक्षण किया जाए और निरीक्षण रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए। प्रत्येक केंद्र पर स्पष्ट चेतावनी बोर्ड प्रदर्शित किए जाएं, जिनमें लिंग परीक्षण की मनाही का उल्लेख हो। फॉर्म-एफ का रिकॉर्ड अद्यतन रखा जाए और ऑनलाइन प्रविष्टि अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। बिना वैधानिक अनुमति के अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित करना पूर्णतः वर्जित है।

लाइसेंस नवीकरण व नए आवेदनों पर निर्णय
बैठक में समिति ने विभिन्न अल्ट्रासाउंड केंद्रों द्वारा प्रस्तुत कुल 19 मामलों की समीक्षा की। इनमें नए मशीन, नवीनीकरण, नया रजिस्ट्रेशन, चिकित्सक शामिल करने, स्थान परिवर्तन और मशीन डेमोस्ट्रेशन के आवेदन शामिल थे। बारीकी से समीक्षा के बाद आवश्यक औपचारिकताएं पूरा करने की शर्त पर दो अल्ट्रासाउंड सेंटर के निबंधन नवीनीकरण को स्वीकृति दी गई। नए मशीन के 3 और नया रजिस्ट्रेशन के 2 मामलों को मंजूरी मिली। 6 मामलों में चिकित्सक सम्मिलित करने और 1 मामले में स्थान परिवर्तन की भी स्वीकृति प्रदान की गई। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्धारित प्रक्रिया के तहत समयबद्ध रूप से नवीकरण की कार्रवाई करने का निर्देश दिया, ताकि कोई भी केंद्र बिना वैध पंजीकरण के कार्यरत न रहे। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या की कुरीति पर अंकुश लगाने के लिए नियमित जांच और जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर भी जोर दिया।

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