Bihar: बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए डॉ. प्रेम कुमार ने किया नामांकन, निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय

Neelam
By Neelam
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बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर तस्वीर साफ होती दिख रही है। एनडीए ने इस पद के लिए भाजपा विधायक डॉ. प्रेम कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है। सोमवार को उन्होंने औपचारिक तौर पर नामांकन भी कर दिया। वहीं, विपक्ष ने स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार नहीं दिया है। ऐसे में प्रेम कुमार का कल निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा है।

कल यानी 2 दिसंबर को जहां स्पीकर पद का चुनाव होना है। इससे पहले डॉ. प्रेम कुमार ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चयन के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उपमुख्यमंत्रियों समेत बिहार एनडीए के सभी प्रमुख और वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। 

निर्विरोध निर्वाचन की पूरी संभावना

एनडीए की ओर से प्रेम कुमार का नाम तय होने और नामांकन दाखिल होने के बाद, ऐसी पूरी संभावना है कि वो निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे। चूंकि ये पद सत्तारूढ़ गठबंधन का होता है और अन्य किसी बड़े दल या गठबंधन ने अपने उम्मीदवार को उतारने के संकेत नहीं दिए हैं, इसलिए प्रेम कुमार का विधानसभा अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है।

नामांकन के बाद डॉ. प्रेम कुमार ने क्या कहा?

विधानसभा अध्यक्ष पद पर नामांकन करने के बाद भारतीय जनता पार्टी विधायक डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि एनडीए नेतृत्व और पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया है। उनके आदेश के बाद मैंने अपना नामांकन कर दिया है। कल परिणाम आएगा। मैं सभी का धन्यवाद करता

नौवीं बार के विधायक बने प्रेम कुमार

प्रेम कुमार बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। गया सदर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। वो इस सीट से लगातार नौवीं बार विधायक चुने गए हैं, जो उनकी राजनीतिक स्थिरता और लोकप्रियता को दिखाता है। एक पूर्व मंत्री के रूप में, उन्हें विधायी और प्रशासनिक दोनों तरह का व्यापक अनुभव है, जो उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है।

कई अहम विभागों को संभालने का अनुभव

69 वर्षीय प्रेम कुमार न सिर्फ अनुभवी विधायक हैं, बल्कि वे मंत्री के रूप में भी कई अहम विभाग संभाल चुके हैं। कृषि, पशुपालन, पर्यटन, सहकारिता, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण और स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, लगभग हर बड़े विभाग में वे सक्रिय और प्रभावी भूमिका निभा चुके हैं। 2015 के चुनाव के बाद वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे थे, जिससे उनकी प्रशासनिक और राजनीतिक पकड़ और मजबूत हुई।

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