धनबाद में आईआईटी (आईएसएम) शताब्दी स्थापना सप्ताह का भव्य आगाज़, पीएम के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा रहे मुख्य अतिथि

KK Sagar
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आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में बुधवार को शताब्दी स्थापना सप्ताह का शुभारंभ अत्यंत गरिमापूर्ण माहौल में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने संस्थान के 100 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई देते हुए कहा कि आईआईटी (आईएसएम) ने बीते एक सदी में राष्ट्र निर्माण, खनन प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन विकास में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है और आने वाले वर्षों में इसकी जिम्मेदारियाँ और बढ़ेंगी।

डॉ. मिश्रा ने कहा कि भारत वर्तमान में तेज़ी से प्रगति के दौर में है, जहाँ टेक्नोलॉजी-आधारित गवर्नेंस, अंतरिक्ष एवं क्वांटम टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर देश की शक्ति बन रहे हैं। उन्होंने संस्थान से आग्रह किया कि क्रिटिकल मिनरल्स, एआई, सतत विकास और समाज-हित तकनीकों पर अनुसंधान को और व्यापक आयाम देने की आवश्यकता है। उन्होंने महिला-नेतृत्व आधारित विकास की भी विशेष प्रशंसा की और आईआईटी (आईएसएम) के इनोवेशन इकोसिस्टम की सराहना की।

🎉 वैदिक परंपराओं के साथ कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और दीप प्रज्वलन से हुई। सत्र का संचालन प्रो. रजनी सिंह (डीन, कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस) ने किया, जिनकी एंकरिंग की मुख्य अतिथि ने विशेष प्रशंसा की। समारोह में वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, राजनयिकों, उद्योग विशेषज्ञों, पूर्व विद्यार्थियों और वर्तमान छात्रों की बड़ी संख्या मौजूद रही।

📌 संस्थान के भविष्य की दिशा पर निदेशक का संदेश

आईआईटी (आईएसएम) के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने स्वागत भाषण में कहा कि यह शताब्दी केवल उत्सव नहीं, बल्कि दायित्वों के नए युग की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि संस्थान माइनिंग 4.0, डिजिटल टेक्नोलॉजी, क्लीन एनर्जी, सस्टेनेबिलिटी, एआई और क्रिटिकल मिनरल रिसर्च जैसी उन्नत क्षेत्रों में देश का नेतृत्व करेगा।

🌏 अंतरराष्ट्रीय सहयोगों पर भी रहा ध्यान

समारोह में सम्मानित एमएनआईटी जयपुर के निदेशक प्रो. एन. पी. पाढ़ी ने कहा कि आईआईटी (आईएसएम) का 100 वर्ष का सफर भारत के तकनीकी इतिहास का प्रेरक अध्याय है।
वहीं ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर एंड्रयू एलेक्ज़ेंडर फ्लेमिंग ने शामिल होकर खुशी जताई और कहा कि यूके–इंडिया विज़न 2035 के तहत दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग मजबूत हुआ है। उन्होंने TEXMiN और GEOTEK के साथ शुरू हुई नई डिजिटाइजेशन लैब साझेदारी की सराहना की।

🏫 नई सुविधाओं और नवाचार केंद्रों का उद्घाटन

मुख्य कार्यक्रम के बाद मुख्य अतिथि और अन्य आगंतुकों ने संस्थान में कई नवीन सुविधाओं का शुभारंभ किया, जिनमें शामिल हैं—

वर्चुअल रियलिटी माइन सिम्युलेटर लैब

डिजिटल माइनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर लैब (प्राइवेट 5G)

TEXMiN–GEOTEK ड्रिल कोर डिजिटाइजेशन लैब

बोर्ड एंड पिलर ट्रेनिंग गैलरी

लॉन्गवाल अंडरग्राउंड कोल माइन गैलरी

स्टार्टअप्स के लिए सीड फंड सपोर्ट लेटर

इसके बाद ज्ञान-विज्ञान प्रांगण (Knowledge & Science Pavilion) का शुभारंभ किया गया, जहाँ एआई-आधारित इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस, डिजिटल ट्विन, रोबोटिक्स, 3D मेटावर्स माइनिंग मॉडल, क्लीन एनर्जी इनोवेशन और इंडियन नॉलेज सिस्टम (IKS) से जुड़े प्रदर्शन लगाए गए।

🙏 आभार और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन

कार्यक्रम के अंत में उपनिदेशक प्रो. धीरज कुमार ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों और प्रशासन का धन्यवाद दिया। समारोह का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।

📅 शताब्दी सप्ताह में होंगे कई कार्यक्रम

पूरे सप्ताह के दौरान

कॉन्क्लेव,

शोध प्रदर्शनी,

पूर्व छात्र मिलन,

नवाचार शोकेस, और

सांस्कृतिक कार्यक्रम
आयोजित किए जाएंगे।

🚀 विकसित भारत @2047 की दिशा में नया संकल्प

शताब्दी वर्ष का यह समारोह स्पष्ट करता है कि आईआईटी (आईएसएम) अपनी गौरवशाली विरासत के साथ भविष्य की तकनीकी चुनौतियों और विकसित भारत @2047 के लक्ष्य के लिए पूरी तरह तैयार है।

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