लोकसभा ने बुधवार को सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल, 2025 को ध्वनिमत से पास कर दिया। बिल अब राज्यसभा भेजा जाएगा। इस बिल के तहत तंबाकू और इससे जुड़े उत्पादों — सिगरेट, चबाने वाला तंबाकू, हुक्का, जर्दा, सिगार आदि पर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाने का प्रावधान है।
🔹 बिल लाने की वजह क्या है?
जीएसटी लागू होने के बाद तंबाकू उत्पादों पर अस्थायी जीएसटी कंपेंसेशन सेस लगाया गया था, जो अब समाप्त होने वाला है। सरकार नहीं चाहती कि सेस हटने के बाद इन उत्पादों पर टैक्स कम हो जाए, इसलिए नया बिल लाकर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की व्यवस्था की जा रही है।
सरकार का उद्देश्य:
✔ तंबाकू का इस्तेमाल घटाना
✔ जनस्वास्थ्य को बढ़ावा
✔ कर राजस्व का उपयोग स्वास्थ्य व राष्ट्रीय सुरक्षा पर
🔸 उत्पादों पर प्रस्तावित टैक्स / ड्यूटी
तंबाकू उत्पाद प्रस्तावित कर वृद्धि
सिगरेट / सिगार / चुरूट लंबाई के आधार पर प्रति 1000 स्टिक पर ₹5000 – ₹11000
चबाने वाला तंबाकू ड्यूटी दोगुनी से भी अधिक
कच्चा तंबाकू 60–70% तक उत्पाद शुल्क
हुक्का तंबाकू अधिकतम 40% शुल्क
ज़र्दा / पान मसाला नई ड्यूटी / सेस लागू
🔹 संसद में क्या हुआ?
सदन में बिल पर चर्चा के दौरान शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने बिल का समर्थन किया और कहा कि इससे युवाओं में धूम्रपान की आदत कम होगी।
हालांकि कई सांसदों ने तंबाकू किसानों और छोटे दुकानदारों की चिंता भी उठाई। इस पर सरकार ने आश्वस्त किया कि —
🟢 किसानों की सुरक्षा के लिए अलग योजना लाई जाएगी
🟢 उनकी आय प्रभावित न हो, इसकी पूरी व्यवस्था की जाएगी
🔸 आगे की प्रक्रिया
लोकसभा से पास होने के बाद बिल अब राज्यसभा में जाएगा। वहां मंजूरी मिलते ही इसे लागू किया जा सकता है।
📌 सरकार का संदेश साफ — तंबाकू को महंगा बनाकर इसके इस्तेमाल को कम करना और राजस्व बढ़ाकर जनस्वास्थ्य पर निवेश बढ़ाना।

