डिजिटल डेस्क। कोलकाता : अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) का दौरा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि 41 साल के अंतराल के बाद मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में कदम रखते हुए भारत अब बड़े और साहसिक सपने देख रहा है। कोलकाता स्थित भारतीय अंतरिक्ष भौतिकी केंद्र में स्कूली विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए, एक्सिओम-4 मिशन के तहत 18 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद 17 अगस्त, 2025 को भारत लौटे शुक्ला ने अंतरिक्ष विज्ञान के भविष्य को ‘बेहद उज्ज्वल’ बताया।
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष रहने के लिए एक अद्भुत और शांतिपूर्ण जगह है, जहां से वापस आने का उनका मन नहीं था। शुक्ला ने अमेरिका के सहयोग से किए गए अपने आईएसएस मिशन को भारत के ‘गगनयान’ विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मिशन से प्राप्त अनुभव एक राष्ट्रीय संपत्ति है, जिसका उपयोग आगामी मिशनों को सही दिशा देने के लिए किया जा रहा है।
भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में गगनयान, अपना अंतरिक्ष स्टेशन और वर्ष 2040 तक चंद्रमा पर मानव लैंडिंग शामिल हैं। शुक्ला ने युवाओं से इन चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों को हासिल करने की जिम्मेदारी लेने का आह्वान करते हुए कहा कि मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों के विस्तार से रोजगार के विशाल अवसर पैदा होंगे। उन्होंने भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के शब्दों को दोहराया कि कक्षा से देखने पर आज भी हमारा भारत ‘सारे जहां से अच्छा’ दिखता है।

