केंदुआडीह क्षेत्र में गैस रिसाव की गंभीर घटना को लेकर शनिवार को झारखंड के मुख्य सचिव अविनाश कुमार के नेतृत्व में प्रशासनिक और तकनीकी अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय टीम ने प्रभावित इलाकों का विस्तृत निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री को गैस रिसाव की जानकारी मिलने के बाद उनके निर्देश पर यह दौरा किया गया।
निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव के साथ प्रभारी डीजीपी तदास मिश्रा, बीसीसीएल के सीएमडी, धनबाद उपायुक्त, एसएसपी सहित कई वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
प्रभावित क्षेत्रों का आकलन, ग्रामीणों से संवाद
निरीक्षण के क्रम में टीम ने गैस रिसाव से प्रभावित क्षेत्रों का आकलन किया और स्थानीय लोगों से संवाद कर उनकी समस्याएं, आशंकाएं और सुझाव सुने। मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने कहा कि गैस रिसाव की घटना कुछ हद तक प्राकृतिक कारणों से भी जुड़ी हो सकती है, जिस पर पूर्ण नियंत्रण हमेशा संभव नहीं होता। उन्होंने बताया कि उपलब्ध वैज्ञानिक तथ्यों और तकनीकी प्रगति के आधार पर सभी पहलुओं का गहन अध्ययन किया जा रहा है।
स्थानीय भागीदारी से निकलेगा समाधान
मुख्य सचिव ने कहा कि स्थानीय लोग वर्षों से इस क्षेत्र में रह रहे हैं और परिस्थितियों से भली-भांति परिचित हैं, इसलिए किसी भी समाधान में स्थानीय लोगों की भागीदारी बेहद जरूरी है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल बाहर से लिए गए फैसलों से इस समस्या का स्थायी समाधान संभव नहीं है।
सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह आकलन कर रही है कि मौजूदा स्थिति में लोगों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए, आवश्यकता पड़ने पर उन्हें किस प्रकार सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए और गैस रिसाव का स्थायी समाधान कैसे निकाला जाए।
इस संबंध में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, बीसीसीएल प्रबंधन और स्थानीय लोगों के बीच समन्वय से निर्णय लिया जाएगा। स्थानीय विधायक, सांसद, जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों से संवाद को भी समाधान की प्रक्रिया का अहम हिस्सा बताया गया।
प्रशासन पूरी तरह सतर्क
मुख्य सचिव ने भरोसा दिलाया कि प्रशासन की पूरी मशीनरी इस संकट से निपटने में जुटी हुई है। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि केंदुआडीह की स्थिति को लेकर राज्य और केंद्र दोनों सरकारें गंभीर रूप से चिंतित हैं।
प्रभावित और संभावित रूप से प्रभावित लोगों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
राहत शिविर में ग्रामीणों से सीधा संवाद
निरीक्षण के बाद मुख्य सचिव ने हिंदी भवन में बनाए गए राहत शिविर में गैस प्रभावित ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने सरकार का पक्ष ग्रामीणों के समक्ष रखा और उनकी बातों को भी गंभीरता से सुना। बातचीत के दौरान उन्हें ग्रामीणों के हल्के विरोध का भी सामना करना पड़ा।
विधायक राज सिन्हा का बयान
मौके पर मौजूद धनबाद विधायक राज सिन्हा ने कहा कि इस मामले को उन्होंने न सिर्फ विधानसभा में उठाया है, बल्कि मुख्यमंत्री से मिलकर लिखित रूप से भी इस पर ध्यान देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह मामला भले ही केंद्र सरकार से जुड़ा हो, लेकिन यहां के प्रभावित लोगों की चिंता करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। विधायक ने बताया कि स्थानीय निवासियों को आशंका है कि केंद्र सरकार बीसीसीएल पर दबाव बनाकर लोगों को उजाड़ने की कोशिश कर रही है। इसी वजह से गैस रिसाव का भय दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी कारण राज्य सरकार से एक हाईपावर कमेटी को क्षेत्र में भेजने का आग्रह किया गया था, ताकि जमीनी स्थिति को समझकर प्रभावित लोगों के कल्याण का ठोस रास्ता निकाला जा सके।

