विभिन्न नामों पर शुल्क वसूली के खिलाफ सख्त हुआ झारखंड अभिभावक महासंघ, निजी स्कूलों पर कार्रवाई की मांग को लेकर DEO को सौंपा ज्ञापन

KK Sagar
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धनबाद | झारखंड अभिभावक महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को महासंघ के अध्यक्ष पप्पू सिंह के नेतृत्व में धनबाद जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) अभिषेक झा से मुलाकात कर निजी विद्यालयों द्वारा विभिन्न शुल्क के नाम पर मनमाने ढंग से वसूले जा रहे मासिक शुल्क और री-एडमिशन फीस को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने निजी स्कूलों की फीस संरचना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अवैध वसूली पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

महासंघ ने आरोप लगाया कि कई निजी विद्यालय री-एडमिशन फीस को अलग–अलग छद्म नामों जैसे बिल्डिंग डेवलपमेंट चार्ज, कॉशन मनी, एनुअल चार्ज आदि के रूप में वसूल रहे हैं, जो नियमों का खुला उल्लंघन है। विद्यालय को नो प्रॉफिट नो लॉस के तहत विभिन्न नाम से ऐसे शुल्क वसूलना सही नहीं है।

नई शिक्षा नीति के तहत फीस निर्धारण

बैठक के दौरान नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत कक्षाओं के चार स्तरों—

बाल वाटिका 1 से कक्षा 2,

कक्षा 3 से 5,

कक्षा 6 से 8,

कक्षा 9 से 12

के अनुसार 5+3+3+4 ढांचे में फीस निर्धारण को लेकर भी चर्चा हुई। महासंघ ने मांग की कि सभी निजी स्कूलों में फीस का निर्धारण ‘नो प्रॉफिट, नो लॉस’ के आधार पर किया जाए।

अभिभावक महासंघ की चेतावनी

महासंघ अध्यक्ष पप्पू सिंह ने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर तत्काल अंकुश लगाने की जरूरत है। वहीं महासचिव मनोज मिश्रा ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि विभिन्न नाम रखकर शुल्क वसूल किये जाने पर रोक नहीं लगाई गई, तो महासंघ आंदोलन करेगा और जरूरत पड़ी तो न्यायालय की शरण भी लेगा।

इस अवसर पर महासंघ के कोषाध्यक्ष प्रेम कुमार ठाकुर भी उपस्थित थे।

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