नई दिल्ली। राज्यसभा ने संसद के विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 को देर रात ध्वनिमत से पारित कर दिया। यह विधेयक, जिसे VB-G RAM G Bill के नाम से भी जाना जाता है, इससे पहले लोकसभा में भी पास हो चुका है और अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
विधेयक का उद्देश्य देश की ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा (MGNREGA) की जगह एक नई और व्यापक रोजगार व आजीविका मिशन को लागू करना है। इसके तहत ग्रामीण परिवारों को 125 दिनों तक रोजगार की गारंटी देने का प्रस्ताव रखा गया है, जो मौजूदा 100 दिनों की व्यवस्था से अधिक है।
संसद के दोनों सदनों में विधेयक के पारित होने के दौरान विपक्ष ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों का कहना था कि मनरेगा जैसे अहम कानून में बदलाव और महात्मा गांधी के नाम को हटाकर “जी राम जी” नाम देना विवादास्पद है। इस दौरान कुछ विपक्षी नेताओं ने विधेयक को संसदीय समिति के पास भेजने की मांग भी उठाई, लेकिन सरकार के समर्थन से प्रस्ताव पारित हो गया।
विपक्ष के हंगामे के बीच ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह नया विधेयक ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी को और मजबूत करेगा और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह कदम विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अहम साबित होगा।
अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा और मनरेगा की जगह लागू होगा, जिससे देश के ग्रामीण इलाकों में रोजगार और आजीविका के नए अवसर सृजित होने की उम्मीद है।

